यमन के लिए काल बन कर गुज़री जनवरी, हर घंटे एक की मौत या घायल

यमन के लिए काल बन कर गुज़री जनवरी, हर घंटे एक की मौत या घायल

पिछले सात साल से अधिक समय से सऊदी अरब नीत अतिक्रमणकारी गठबंधन के बर्बर हमले झेल रहे यमन के लिए जनवरी बहुत दुखदायी रही।

यमन काफी समय से खून और आग में डूबा है लेकिन अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं और विश्व समुदाय मूक दर्शक बना हुआ है। फ़ार्स समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार बच्चों के अधिकारों की रक्षा के संदर्भ में कार्यरत एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन सेव द चिल्ड्रेन ने कहा कि 2018 के बाद से पिछला महीना यानी जनवरी यमन वालों के लिए सबसे ख़ूनी महीनों में से एक था।

सेव द चिल्ड्रेन संगठन के माध्यम से जारी बयान में कहा गया कि 6 जनवरी से 2 फ़रवरी के बीच 220 से अधिक वयस्क और 15 बच्चे मारे गए और 354 से अधिक वयस्क और 30 बच्चे घायल हुए, और वास्तविक संख्या इससे भी अधिक होने की संभावना है।

इस रिपोर्ट में बताया गया कि यमन में पिछले प्रत्येक घंटे में एक नागरिक मारा गया या घायल हुआ, जनवरी में यमन के नागरिकों के हताहत होने की संख्या 2021 में औसत मासिक मारे गए या घायल होने वालों से तीन गुना थी। इस रिपोर्ट के अनुसार पिछले अक्टूबर जब से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने यमन में युद्ध अपराधों की जांच के लिए विशेष आयोग के जनादेश को समाप्त करने के लिए मतदान किया था तब से मरने वालों की संख्या में काफ़ी वृद्धि हुई है।

संयुक्त राष्ट्र ने पिछले साल नवंबर 2021 में घोषणा की थी कि यमन के सात साल के युद्ध में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 377,000 से अधिक लोग मारे गए हैं, युद्ध ने यमन को 126 अरब डॉलर की आर्थिक क्षति भी पहुंचाई और देश के 30 मिलियन लोगों में से अधिकांश को मानवाधिकार सहायता की आवश्यकता है।

सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों द्वारा किए गए हमलों ने यमन के बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया है और इस देश में ग़रीबी, बेरोज़गारी और संक्रामक रोगों का प्रसार हुआ है।

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