एमनेस्टी, फिलीस्तीनियों के खिलाफ इस्राईल की नीतियां रंगभेद के बराबर

एमनेस्टी, फिलीस्तीनियों के खिलाफ इस्राईल की नीतियां रंगभेद के बराबर एक नई रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि इस्राईल राज्य यहूदी इस्राईल के लाभ के लिए फिलिस्तीनी आबादी के उत्पीड़न और वर्चस्व का एक संस्थागत शासन है। रंगभेद को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत मानवता के खिलाफ अपराध माना जाता है।

एमनेस्टी की इस रिपोर्ट पर इस्राईल का कहना है कि वह रिपोर्ट में सभी झूठे आरोपों को पूरी तरह से खारिज करता है। इस्राईली विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने एमनेस्टी पर झूठ, विसंगतियों और निराधार दावों का आरोप लगाया जो प्रसिद्ध इस्राईल विरोधी नफरत संगठनों से उत्पन्न होते हैं।

इस्राईली विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रिपोर्ट इस्राईल राज्य के यहूदी लोगों के राष्ट्र राज्य के रूप में अस्तित्व के अधिकार से इनकार करती है। इसकी चरमपंथी भाषा और ऐतिहासिक संदर्भ के विरूपण को इस्राईल का प्रदर्शन करने और यहूदी-विरोधी की आग में ईंधन डालने के लिए डिज़ाइन किया गया था।

एमनेस्टी इंटरनेशनल एक अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्था है जो अपना उद्देश्य मानवीय मूल्यों, एवं मानवीय स्वतंत्रता को बचाने एवं भेदभाव मिटाने के लिए शोध एवं प्रतिरोध करने एवं हर तरह के मानवाधिकारों के लिए लडना बताती है।] इस संस्थान की स्थापना ब्रिटेन में १९६१ में की गयी थी। एमनेस्टी मानवाधिकारों के मुद्दे पर बहुद्देशीय प्रचार अभियान चलाकर, शोध कार्य कर के पूरे विश्व का ध्यान उन मुद्दों की ओर आकर्षित करने एवं एक विश्व जनमत तैयार करने की कोशिश करता है। ऐसा करके वे खास सरकारों, संस्थानों या व्यक्तियों पर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं।

एमनेस्टी इंटरनेशनल  संस्थान को १९७७ में “शोषण के खिलाफ” अभियान चलाने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया था। तथा १९७८ में संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवाधिकार पुरस्कार से नवाजा गया था। लेकिन इस संस्थान की हमेशा यह कहकर आलोचना की जाती है कि पश्चिमी देशों के लिए इस संस्थान में हमेशा एक खास पूर्वाग्रह देखा जाता है।

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