इज़रायल के अपराधों को अनदेखा नहीं किया जाएगा: ईरान
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी प्रतिनिधि और राजदूत, अमीर सईद इरवानी ने एक कड़ा पत्र लिखकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष पास्कल क्रिस्टियन और महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को पत्र लिख कर सीरिया में ईरानी रेड क्रिसेंट की मानवीय सहायता गोदाम पर इज़रायली हमले की कड़ी निंदा की। इस पत्र में उन्होंने के इस हमले को न केवल एक गैर-इंसानी कार्य बताया, बल्कि इसे अंतर्राष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन और युद्ध अपराध की संज्ञा दी।
इस पत्र में विशेष रूप से इस बात का उल्लेख किया गया कि यह हमला 9 अक्टूबर 2024 की रात को हुआ, जब इज़रायली सेना ने जानबूझकर ईरानी रेड क्रिसेंट की एक महत्वपूर्ण मानवीय सहायता गोदाम पर बमबारी की। यह गोदाम सीरिया और लेबनान की सीमा पर स्थित था और इसमें बड़ी मात्रा में जरूरी सहायता सामग्री थी। इसमें 200 अस्पताल बेड, 56 बेड का एक पूरी तरह से सुसज्जित फील्ड अस्पताल, अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण, ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयां, और जरूरी चिकित्सा सामानों के अलावा, दो मोबाइल बेकरी, हजारों खाद्य पैकेट और साफ पेयजल भी शामिल थे, जो युद्ध प्रभावित और विस्थापित लोगों के लिए आवश्यक थे।
इरवानी ने अपने पत्र में इस हमले को न केवल अंतर्राष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन बताया, बल्कि इसे एक “बर्बर और क्रूर” कार्य करार दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के हमले मानवीय सहायता अभियानों को बाधित करते हैं, जिनका उद्देश्य युद्ध के शिकार और निर्दोष लोगों की जान बचाना होता है। इस हमले ने स्पष्ट रूप से उन असहाय नागरिकों के लिए खतरा उत्पन्न कर दिया है, जो इज़रायली आक्रामकता के चलते अपना घर और संपत्ति खो चुके हैं।
राजदूत इरवानी ने आगे यह भी कहा कि ईरान द्वारा स्थापित यह सहायता केंद्र उन लेबनानी और सीरियाई नागरिकों के लिए एक जीवनरेखा थी, जो इज़रायली हमलों के शिकार हुए थे। उन्होंने कहा कि यह सहायता केंद्र पूरी तरह से मानवीय आधार पर कार्यरत था और इसका एकमात्र उद्देश्य लोगों को जीवनरक्षक सामग्री उपलब्ध कराना था।
अपने पत्र के अंत में, इरवानी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से इज़रायल पर कड़ी कार्रवाई करने की अपील की और जोर देकर कहा कि इज़रायल द्वारा किए गए इन अपराधों को बिना किसी प्रतिक्रिया के नहीं छोड़ा जाएगा। उन्होंने इज़रायल के इन कार्यों को क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के लिए एक बड़ा खतरा बताया, और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से तुरंत कदम उठाने की मांग की, ताकि भविष्य में इस तरह के हमलों को रोका जा सके।
ईरान ने यह भी संकेत दिया है कि अगर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इज़रायल के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाता है, तो ईरान अपने लोगों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगा।


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