ग़ाज़ा और लेबनान में इज़रायली सैनिक बेवजह मारे जा रहे हैं: हाआर्त्ज़

ग़ाज़ा और लेबनान में इज़रायली सैनिक बेवजह मारे जा रहे हैं: हाआर्त्ज़

इज़रायली समाचार पत्र “हाआर्त्ज़” ने अपनी एक रिपोर्ट में ग़ाज़ा और लेबनान में इज़रायली सेना की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन संघर्ष क्षेत्रों में इज़रायली सैनिकों की मौतें बढ़ रही हैं, लेकिन उनका उद्देश्य स्पष्ट नहीं है।

सैन्य रणनीतियों पर सवाल
रिपोर्ट के अनुसार, इज़रायली नेतृत्व की सैन्य रणनीतियां विफल हो रही हैं। ग़ाज़ा और लेबनान जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में सैनिकों को भेजा जा रहा है, जहां उनकी सुरक्षा के पर्याप्त उपाय नहीं किए जा रहे। इसके परिणामस्वरूप, कई सैनिक अपनी जान गंवा रहे हैं। “हाआर्त्ज़” ने लिखा है कि इन क्षेत्रों में हो रही मौतों का कोई ठोस सैन्य लाभ नहीं दिख रहा है।

ग़ाज़ा और लेबनान में बढ़ता संघर्ष
ग़ाज़ा पट्टी में इज़रायली सेना का सामना हमास और अन्य सशस्त्र गुटों से हो रहा है। लेबनान में भी, हिज़्बुल्लाह के साथ बढ़ते तनाव ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। इन दोनों मोर्चों पर इज़रायली सैनिक लगातार संघर्ष में शामिल हैं। हाल ही में, ग़ाज़ा में हुई एक बड़ी मुठभेड़ में कई इज़रायली सैनिकों की मौत हुई, जिससे देश में गुस्सा और असंतोष फैल गया है।

आंतरिक आलोचना और परिवारों का गुस्सा
इज़रायल के भीतर सैनिकों की मौतों को लेकर सरकार और सेना की कड़ी आलोचना हो रही है। मारे गए सैनिकों के परिवारों ने इज़रायली नेतृत्व पर आरोप लगाया है कि वे बिना सोचे-समझे सैनिकों को खतरनाक परिस्थितियों में भेज रहे हैं। कई परिवारों का कहना है कि सरकार को अपने सैनिकों की सुरक्षा प्राथमिकता देनी चाहिए और केवल ठोस रणनीति के साथ ही कार्रवाई करनी चाहिए।

राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व के बीच तनाव
“हाआर्त्ज़” ने यह भी बताया है कि मौजूदा स्थिति ने इज़रायली राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। सेना के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने सरकार से स्पष्ट दिशा-निर्देशों और बेहतर योजना की मांग की है। उनका कहना है कि बिना ठोस रणनीति के, इन संघर्षों में सैनिकों को भेजना एक बड़ी भूल है।

इस रिपोर्ट ने इस बात पर जोर दिया है कि ग़ाज़ा और लेबनान में चल रहे मौजूदा संघर्षों का कोई अंत नहीं दिख रहा है, और इज़रायल को इस पर पुनर्विचार करना होगा। “हाआर्त्ज़” ने सरकार से आग्रह किया है कि वह सैनिकों की जान की कीमत पर अनावश्यक सैन्य कार्रवाइयों से बचें और एक दीर्घकालिक शांति योजना पर विचार करें। यह रिपोर्ट इज़रायल में उस समय सामने आई है जब सरकार पर बढ़ते आंतरिक दबाव के बीच सैनिकों और उनके परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग हो रही है।

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