इज़रायल हमें भूखे मारना चाहता है, हमें बचा लीजिए: ग़ाज़ा के बच्चों की फ़रियाद

इज़रायल हमें भूखे मारना चाहता है, हमें बचा लीजिए: ग़ाज़ा के बच्चों की फ़रियाद

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अंतरात्मा को झकझोरते हुए ग़ाज़ा के बच्चों ने मंगलवार शाम को ग़ाज़ा के अल-शिफा अस्पताल के बाहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपील की कि “हम अन्य बच्चों की तरह जीना चाहते हैं… हमें बचाएं।” उन्होंने प्रतिरोध को निशाना बनाने के इज़रायल के दावे को झूठ बताते हुए कहा, ‘बम हमारे सिर पर गिर रहे हैं।

हम भाग्यशाली हैं कि अभी तक हम मरे नहीं हैं, लेकिन इज़रायल हमें भूखा मारना चाहता है। बच्चों ने यह प्रेस कॉन्फ्रेंस अपनी मातृभाषा अरबी में नहीं बल्कि अंग्रेजी में की ताकि पूरी दुनिया के लोग उनकी अपील को समझ सकें।

जिन बच्चों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की वह बच्चे अल-शिफा अस्पताल के परिसर में रह रहे हैं। ये बच्चे या तो विस्थापित शरणार्थी परिवारों के बच्चे हैं या वह बच्चे हैं जिनके माता-पिता हमलों में घायल हो गए हैं या मारे गए हैं। लगभग 10 साल के एक बच्चे ने अपनी और अन्य फिलिस्तीनी बच्चों की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।

इस बच्चे ने इज़रायल से डरे बिन, आँखों में आँखें डाल कर कहा कि, “हम 7 अक्टूबर से नरसंहार, हत्याओं और विस्थापन का सामना कर रहे हैं।”पूरी दुनिया हमारे सिर पर बम गिरते हुए देख रही है। हमारी आँखों के सामने हमारे अपने, हमारे माता-पिता, भाई-बहन शहीद हो गये। हम इस क्रूरता को रोक नहीं सके।

जिन दोस्तों के साथ हम खेलते थे उनमें से कई अब इस दुनिया में नहीं हैं। हमारे भाई-बहन जो हमारी हिम्मत थे, अब नहीं रहे। हमारे लिए हर सर्दी-गर्मी सहने वाले माता-पिता अब नहीं रहे। हम जानते हैं कि हर रात हमारी आखिरी रात होती है क्योंकि हम नहीं जानते कि कब कोई इज़रायली बम फटेगा और हम सभी शहीद हो जायेंगे।

इज़रायल के अत्याचारों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक अन्य लड़की ने कहा, “वह दुनिया से झूठ बोल रहा है कि वह प्रतिरोध सेनानियों को निशाना बना रहा है, सच्चाई यह है कि वह हमें भूखा मारना चाहता है।” बच्चों के रूप में हम एक से अधिक बार मौत से बच निकले हैं लेकिन हम कब तक इतने भाग्यशाली रहेंगे, हम नहीं जानते। बम से भले ही हमें कोई नुकसान नहीं हुआ हो, लेकिन जो क्षति हुई है, उसकी अब भरपाई नहीं हो सकती। हम भूख और सहायता के अभाव से मर जायेंगे। ”

प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक और लड़की, जो शायद 7 या 8 साल की रही होगी, ने कहा, “हम यहां बच्चों के रूप में चिल्लाने आए थे, आपसे अपील करते हैं कि हमें बचा लीजिए। हम अपने सिर पर मंडराती मौत को रोकना चाहते हैं। हम जीना चाहते हैं। हम शांति चाहते हैं। हम हत्यारों के ख़िलाफ़ मुक़दमा चाहते हैं। हमें दवा चाहिए। हमें खाना चाहते चाहिए। हम शिक्षा चाहते हैं और हम ज़िंदगी चाहते हैं।

ग़ाज़ा में फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़े बताते हैं कि युद्ध की शुरुआत के बाद से 4,237 बच्चे मारे गए हैं। ग़ाज़ा के बच्चों के लिए बोलते हुए छोटे बच्चे ने पूरी दुनिया को शर्मसार कर दिया और कहा, ‘हम हैरान हैं कि इज़रायल द्वारा अस्पतालों को भी निशाना बनाया जा रहा है, और पूरी दुनियां तमाशा देख रही है।

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