यरूशलेम द्वारा रायटर्स को दिए गए बयान में बताया गया कि गुरुवार को इस्राईली नेताओं ने संयुक्त अरब अमीरात के लिए अमेरिकी हथियारों की बिक्री की संभावित बाइडेन प्रशासन की समीक्षा की, जिसमें इस्राईल और खाड़ी देशों में मैत्री सम्बन्ध बने।
बता दें कि वाशिंगटन ने बुधवार को कहा कि अमेरिका ने हथियारों की बिक्री पर फिलहाल रोक लगा दी है जिसकी मंज़ूरी ट्रम्प प्रशासन ने सितंबर में दी थी।
इस समय इस्राईल एकमात्र देश है जिसके पास F -35 लड़ाकू विमान हैं। शुरुआत में यूएई को इसकी बिक्री पर गलतफहमी के कारण, प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज़ ने ट्रम्प प्रशासन भरोसा दिलाया जिसके बाद ट्रम्प प्रशासन ने यूएई को F -35 लड़ाकू विमान देने की मंज़ूरी दे दी थी।
जो बाइडेन ने यूएई को F -35 लड़ाकू विमान बेचने पर रोक लगाई
पत्रकारों द्वारा ये प्रश्न किए जाने पर कि क्या ये समीक्षा संयुक्त अरब अमीरात और अन्य अरब देशों के साथ संबंध बनाने की इस्राईल की कोशिशों को रोक सकती है, इसका जवाब देते हुए नेतन्याहू ने कहा कि मुझे ऐसा नहीं लगता,मुझे लगता है कि हमने नो-रिटर्न के बिंदु को पार कर लिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह शांति के बदले शांति है।
Y net Tv द्वारा लिए गए एक साक्षात्कार में गैंट्ज़ ने कहा कि वो अपने अमेरिकी साथी लॉयड ऑस्टिन से बात करेंगे, लेकिन उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया। बस ये कहा कि ये समीक्षा नियमित है।