इज़रायल ने उत्तरी ग़ाज़ा के आख़िरी अस्पताल को बंद करने का आदेश दिया
गुरुवार को इज़रायल ने उत्तरी ग़ाज़ा के तल अल-ज़अतर क्षेत्र में स्थित आख़िरी काम कर रहे “अल-औदा अस्पताल” को बंद करने का आदेश दिया, जिससे दर्जनों मरीज़ों और स्टाफ को तुरंत दूसरी जगह भेजना पड़ा। यह इलाक़ा इस समय भारी बमबारी और भुखमरी से जूझ रहा है।
यह आदेश उस वक़्त आया जब इज़रायली सेना ग़ाज़ा में लोगों की जबरन बेदखली जारी रखे हुए है और नए आदेशों से ग़ाज़ा शहर के उत्तर और पूर्व में बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं। अल-औदा अस्पताल में इस समय 97 लोग मौजूद हैं, जिनमें 13 मरीज़ और 84 मेडिकल स्टाफ शामिल हैं।
ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इज़रायल की इस कार्रवाई की निंदा की और इसे स्वास्थ्य क्षेत्र के खिलाफ लगातार हो रहे अपराधों का हिस्सा बताया। मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से अपील की है कि, गाज़ा के स्वास्थ्य ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की टीम ने अल-औदा अस्पताल का दौरा किया ताकि गंभीर रूप से बीमार मरीज़ों को शिफा अस्पताल शिफ्ट किया जा सके। इस दौरान टीम को बमबारी और गोलीबारी का सामना करना पड़ा, जिससे मिशन की गंभीरता का अंदाज़ा होता है।
WHO ने दो मिशनों में कुल 57 लोगों को निकाला, जिनमें 9 मरीज़ थे। लेकिन अब भी अस्पताल में 6 मरीज़ और 70 स्टाफ सदस्य फंसे हुए हैं। अस्पताल के पास मेडिकल गोदाम भी हमलों में जल कर नष्ट हो चुका है और दवाओं की भारी कमी है।
WHO ने कहा कि अब उत्तरी ग़ाज़ा में कोई भी सक्रिय अस्पताल नहीं बचा है और लोगों के लिए जीवन की एक महत्वपूर्ण डोर टूट चुकी है। संगठन ने युद्ध-विराम की अपील की और कहा कि, अस्पतालों को निशाना बनाना या उन्हें सैन्य उपयोग में लाना अस्वीकार्य है।
फ़िलिस्तीनी एजेंसी ‘वफ़ा’ के अनुसार, इज़रायली सेना ने अस्पताल के पास विस्फोटक से भरे कई रोबोट उड़ाए और इमारत पर गोलीबारी की। ग़ाज़ा युद्ध की शुरुआत से अब तक 1400 से अधिक डॉक्टर, मरीज़ और नागरिक मारे जा चुके हैं।