ग़ज़्ज़ा के क़रीब युद्धपोत ले जाने से घबरा रहा है इस्राईल
फिलिस्तीन की असहाय और निहत्थी जनता के खिलाफ अत्याचार की सभी सीमाएं लांघने वाला इस्राईल फिलिस्तीनी प्रतिरोधी लड़ों की बढ़ती सैन्य क्षमता से घबराया हुआ है.
हाल ही में ग़ज़्ज़ा के खिलाफ इस्राईल की अमानवीय हरकतों के बीच एक चीज़ ने सबका ध्यान अपनी और खींचा है और वह यह कि इस्राईल ने इस युद्ध में अपने युद्धपोत का इस्तेमाल नहीं किया.
ग़ज़्ज़ा की तीन दिवसीय लड़ाई में इस बार इस्राईल ने अपने युद्धपोत ग़ज़्ज़ा के आसपास भी नहीं भेजे. अल मयादीन की रिपोर्ट के अनुसार तल अवीव शासन ने इस युद्ध से अपने युद्धपोतों को दूर रखा और इन युद्धपोतों ने इस युद्ध में हिस्सा ही नहीं लिया.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार साक्ष्यों से पता चलता है कि तल अवीव शासन को डर था कि फ़िलिस्तीन के जेहादे इस्लामी आंदोलन की सैन्य शाखा अलक़ुद्स ब्रिगेड के पास हालिया युद्ध के दौरान सतह से समुद्र में मार करने वाले मिसाइल मौजूद थे. इस्राईल को डर था कि अगर यह युद्धपोत ग़ज़्ज़ा के निकट जाते हैं तो इन्हे मिसाइल हमलों का सामना करना होगा.
फिलिस्तीन के जिहादे इस्लामी से जुड़े सूत्रों ने अल मयादीन के साथ बातचीत करते हुए ऐसे मिसाइलों के बारे में कुछ भी नहीं कहा लेकिन उन्होंने साफ़ साफ़ कहा कि हमारे पास निस्संदेह ऐसे हथियार हैं जो तल अवीव शासन के सारे समीकरणों को बिगड़ कर रख सकते हैं.
ग़ज़्ज़ा में हुए इस संघर्ष के बारे में इस्राईल के हारेट्ज़ समाचार पत्र का कहना है कि अगर यह जेहादे इस्लामी है तो फिर हिज़्बुल्लाह और हमास के साथ लड़ाई कैसी होगी? हमारे सुरक्षाः संस्थान जिहादे इस्लामी को एक कमज़ोर और अस्थायी संगठन कहते हैं. क्या यह एक अस्थायी संगठन है जिसने हमारे नागरिकों में भय और डर भर दिया है और हमारे इलाक़ों पर जमकर रॉकेट और मिसाइल बरसाए.