इज़रायल मानवीय सहायता का इस्तेमाल ब्लैकमेलिंग के लिए कर रहा है: सऊदी अरब
सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने आज, रविवार की शाम एक बयान जारी कर, ग़ाज़ा में मानवीय सहायता की आपूर्ति रोकने के लिए इज़रायली शासन के फ़ैसले की निंदा की। इज़रायली मीडिया ने रिपोर्ट दी है कि, इस शासन ने ग़ाज़ा में मानवीय सहायता की आपूर्ति को पहले चरण के संघर्ष-विराम समझौते की समाप्ति के साथ रोक दिया है।
इज़रायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने घोषणा की है कि, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आज सुबह से ग़ाज़ा पट्टी में सभी सामानों और सहायता की आपूर्ति को रोकने का निर्णय लिया है। इसी बीच, इज़रायली शासन के टेलीविज़न चैनल 14 ने बताया कि ग़ाज़ा में सहायता भेजने पर रोक लगाने का निर्णय एक परामर्श बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता नेतन्याहू ने कल की थी।
इस चैनल ने यह भी बताया कि ग़ाज़ा में सहायता पैकेजों को रोकने का फ़ैसला अमेरिकी पक्ष के समन्वय से लिया गया है। सऊदी अरब ने कहा कि वह इज़रायली शासन द्वारा सहायता का उपयोग एक ब्लैकमेलिंग टूल और फ़िलिस्तीनी जनता को सामूहिक दंड देने के रूप में किए जाने की निंदा करता है।
सऊदी विदेश मंत्रालय ने यह भी ज़ोर दिया कि मानवीय सहायता को रोकना अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे इस शासन के ख़तरनाक हमलों को रोकें। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता “ब्रायन हॉग्स” ने रविवार को कहा कि, ट्रंप प्रशासन ग़ाज़ा में मानवीय सहायता को रोकने के इज़रायल के फ़ैसले का समर्थन करता है।
उन्होंने कहा, “जब से ट्रंप सत्ता में आए हैं, इज़रायल ने सद्भावना से बातचीत की है और हम इज़रायल के अगले क़दमों के फ़ैसले का समर्थन करते हैं, क्योंकि हमास ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह संघर्ष-विराम जारी रखने में रुचि नहीं रखता। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि, इज़रायल समझौते के पहले चरण में जो शर्तें थीं उसका उल्लंघन कर रहा है। पहले चरण के समझौते के तहत इज़रायल को ग़ाज़ा से सेना को पूरी तरह से हटाना था लेकिन इज़रायल बिना शर्तों को पुरा किए अपने सभी बंधकों को आज़ाद कराना चाहता है। इसीलिए इज़रायल ने मानवीय सहायता को रोक दिया है।