इज़रायल द्वारा 2022 से अब तक 80 से अधिक अवैध निपटान योजनाओं को मंजूरी: PLO

इज़रायल द्वारा 2022 से अब तक 80 से अधिक अवैध निपटान योजनाओं को मंजूरी: PLO

फिलिस्तीनी लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (PLO) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में बताया है कि 2022 से अब तक PLOने पूर्वी यरुशलम और पश्चिमी किनारे में 80 से अधिक अवैध निपटान योजनाओं को मंजूरी दी है। इन योजनाओं के अंतर्गत हजारों नई बस्तियों का निर्माण किया जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन अवैध बस्तियों का तेजी से विस्तार फिलिस्तीनी ज़मीन पर इज़रायल की नीतिगत योजनाओं का हिस्सा है, जिसे इज़रायली सरकार की औपचारिक स्वीकृति और सेना के सहयोग से लागू किया जा रहा है।

PLO के नेशनल ब्यूरो द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इज़रायल द्वारा फिलिस्तीनी क्षेत्रों में अवैध निपटान गतिविधियों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे फिलिस्तीन के नागरिकों की ज़मीन और संसाधन छीने जा रहे हैं। इसके अलावा, इस प्रकार की गतिविधियां इज़रायल और फिलिस्तीन के बीच तनाव को और बढ़ा रही हैं।

इज़रायल के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पश्चिमी किनारे और पूर्वी यरुशलम में इज़राइल की अवैध बस्तियों में अब तक लगभग 7 लाख 20 हजार इज़रायली नागरिक बस चुके हैं। दिसंबर 2022 में बेंजामिन नेतन्याहू की नेतृत्व वाली नई सरकार के गठन के बाद इन निपटान योजनाओं में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। यह सरकार इन बस्तियों को विकसित करने और विस्तार देने के अपने पुराने एजेंडे पर काम कर रही है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इन इज़रायली निपटान योजनाओं को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ माना है। यूएन ने बार-बार इज़रायल को चेतावनी दी है कि इन अवैध निपटानों का विस्तार दो-राष्ट्र समाधान (Two-State Solution) के लिए गंभीर खतरा है, जो इज़रायल और फिलिस्तीन के बीच स्थायी शांति का एकमात्र संभावित रास्ता माना जाता है।

2023 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने एक अहम फैसला सुनाते हुए इज़रायल के फिलिस्तीन की ज़मीन पर दशकों से चले आ रहे कब्जे को गैरकानूनी करार दिया। अदालत ने पश्चिमी किनारे और पूर्वी यरुशलम में इज़रायल द्वारा बनाई गई अवैध बस्तियों को हटाने का आदेश भी दिया। लेकिन इज़रायल ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय और यूएन के इन आदेशों की अवहेलना करते हुए अपनी नीतियों को जारी रखा है। इज़राइल फिलिस्तीनी क्षेत्रों में और अधिक निपटान योजनाओं को मंजूरी देता जा रहा है, जिससे संघर्ष और हिंसा में बढ़ोतरी हो रही है।

इज़रायली आक्रामकता के कारण अब तक 41 हजार से अधिक फिलिस्तीनी नागरिक अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि 94 हजार से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। इज़रायली नीतियों के कारण हज़ारों फिलिस्तीनी अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं और उन्हें लगातार उत्पीड़न और हिंसा का सामना करना पड़ रहा है।

इस पूरे मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता गहरी होती जा रही है। हालांकि, अभी भी इज़रायल की सरकार वैश्विक निंदा की परवाह किए बिना अपने अवैध निपटान कार्यक्रम को बढ़ावा देती जा रही है, जिससे इस क्षेत्र में स्थायी शांति की संभावनाएं धूमिल हो रही हैं।

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