यमनी लड़ाकों के हमलों से इज़रायल और उसके सहयोगी देश चिंतित
ग़ाज़ा में इजरायली अत्याचारों के खिलाफ लाल सागर पर यमनी लड़ाकों के ऑपरेशन ने इज़रायल और उसके सहयोगी देशों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। वहीं वह एक बार फिर यमन के बड़े हिस्से पर राज करने वाले यमनी लड़ाकों को “आतंकवादी” घोषित करने पर विचार कर रहे है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पिछले कुछ दिनों में लाल सागर और स्वेज नहर से गुजरने वाले वाणिज्यिक जहाजों पर हौथी लड़ाकों के हमलों के कारण 100 से अधिक जहाजों को अपना मार्ग बदलना पड़ा है।
रूट बदलने का मतलब है कि उन्हें दुनिया भर में 6,000 समुद्री मील की यात्रा करनी होगी। इससे वैश्विक व्यापार प्रभावित हो रहा है और इज़रायल और उसके सहयोगियों की कमर टूट रही है। क्विनेल एंड नागेल नामक शिपिंग कंपनी ने पुष्टि की है कि हौथी लड़ाकों के हमलों से बचने के लिए पिछले कुछ दिनों में 103 से अधिक मालवाहक जहाजों का मार्ग बदल दिया गया है।
बता दें कि यमनी जवानों ने इज़रायल को चेतावनी दी है कि, जब तक इज़रायल ग़ाज़ा पट्टी पर हमला बंद नहीं करेगा और वहां के आम नागरिकों पर जो अत्याचार कर रहा उसे बंद नहीं करेगा तब तक इज़रायली जहाज़ों पर हमले जारी रहेंगे। वहीं इज़रायली अत्याचार के विरुद्ध अमेरिका में भी लगातार प्रदर्शन हो रहा है जिसके कारण बाइडेन प्रशासन भी काफ़ी दबाव में है, लेकिन नेतन्याहू ने यूएन के किसी भी युद्ध-विराम प्रस्ताव को मानने से साफ़ इनकार कर दिया है, जबकि तेल अवीव में उनके विरुद्ध ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने यमनी हमलों से निपटने के लिए 10 देशों के गठबंधन की घोषणा की है। विदेशी मीडिया के अनुसार, इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, ग्रेट ब्रिटेन और कनाडा के अलावा, फ्रांस, इटली, स्पेन, नॉर्वे, नीदरलैंड, बहरीन और सेशेल्स शामिल हैं। अमेरिकी रक्षा सचिव ने हौथी हमलों के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय समुद्री गठबंधन बनाने की घोषणा की, जबकि ईरान ने चेतावनी दी कि ऐसे गठबंधन को असाधारण समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
ज्ञात हो कि यमन के हौथी समूह ने लाल सागर में दो जहाजों स्वान अटलांटिक और एमएससी क्लारा पर हमले की जिम्मेदारी ली है। समूह के सैन्य प्रवक्ता यहया सारिया ने एक्स पर प्रकाशित एक बयान में कहा कि, ये हमले नौसेना के ड्रोन से किए गए थे। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र ने भी लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्गों पर हमलों की निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टेफानो जार्च ने कहा है कि ये हमले न सिर्फ नौवहन की स्वतंत्रता में बाधा हैं, बल्कि इससे वैश्विक व्यापार को भी नुकसान पहुंचने का खतरा है।