इराक में अमेरिकी सेना की उपस्थिति बनाए रखने के लिए आईएसआईएस के हमलों में तेजी अल-हशद अल-शाबी संगठन की 23वीं ब्रिगेड के कमांडर बशीर अल-अताबाकी ने एक साक्षात्कार में कहा कि संगठन के बलों ने पिछले महीने विभिन्न प्रांतों में आईएसआईएस के खिलाफ उनका सफाया करने के लिए 12 अभियान चलाए हैं। सलाहुद्दीन प्रांत में यसरब क्षेत्र को खाली करने का अभियान भी इस में शामिल है।
इराक के अल-यौम समाचार पत्र के अनुसार कमांडर बशीर अल-अताबाकी ने कहा कि आईएसआईएस की गतिविधियों पर नजर रखने और प्राप्त जानकारी के अनुसार ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है। अल-हशद अल-शबी कमांडर ने जोर देकर कहा कि आईएसआईएस के खिलाफ ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक कि आईएसआईएस के सभी मूक सेल नष्ट नहीं हो जाते।
अल-हशद अल-शाबी ने बुधवार को सुरक्षा बलों के साथ आईएसआईएस के सलाहुद्दीन प्रांत में यसरब क्षेत्र को खाली करने के लिए एक सुरक्षा अभियान शुरू करने की भी घोषणा की। बयान में कहा गया है कि 41वीं अल-हशद अल-शाबी ब्रिगेड और इराकी सुरक्षा बल इस ऑपरेशन में टाइग्रिस नदी के तट पर “ज़ौर अल-बुहशामा” और “अल-बुहशामा” के क्षेत्रों को आज़ाद करवाएंगे। खुफिया रिपोर्टों के अनुसार सलाहुद्दीन यही वह दो इलाके हैं जहां से आईएसआईएस और उनकी आतंकवादी गतिविधियां होती रही हैं।
अपने भाषण के एक अन्य भाग में बशीर अल-अताबाकी ने कहा कि आईएसआईएस के अमेरिकियों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं और उन्होंने अमेरिकी लड़ाकू बलों की उपस्थिति से अपने हमलों की संख्या में वृद्धि की है। यह पहली बार नहीं है कि इराकी संगठन ने आईएसआईएस और संयुक्त राज्य अमेरिका सेना के बीच संबंधों का उल्लेख किया है।
इराकियों ने कहा है कि आईएसआईएस अमेरिका को अपना कब्जा जारी रखने के लिए सबसे अच्छा बहाना प्रदान करते हैं और अब जब अमेरिकियों ने संसद और प्रतिरोध समूहों के दबाव में अपने युद्ध अभियानों को स्पष्ट रूप से समाप्त कर दिया है, तो आईएसआईएस ने अपने हमले तेज कर दिए हैं।
इराकी अधिकारियों ने आधिकारिक तौर पर पिछले गुरुवार को घोषणा की थी कि अमेरिका के नेतृत्व वाली अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल आईएसएएफ का लड़ाकू मिशन खत्म हो गया है और इराक में आईएसआईएस की उपस्थिति के सात साल बाद देश छोड़ रहा है। इराक के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने पिछले गुरुवार को आधिकारिक तौर पर घोषणा की थी कि इराक में अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन का युद्ध मिशन समाप्त हो गया है।
हालांकि सेंटकॉम आतंकवादियों के कमांडर ने उसी दिन अल-हुर्रा वेबसाइट को बताया कि इराक में कोई अमेरिकी सेना वापसी अभियान नहीं हुआ था और इराक में युद्ध की स्थिति से लेकर आपातकाल की स्थिति में केवल 2,500 अमेरिकी सैनिकों को तैनात किया गया था।