इराक़ी प्रतिरोध का इज़रायल के तीन प्रमुख ठिकानों पर भीषण हमला
आज सुबह इराक़ी प्रतिरोध ने तीन अलग-अलग बयानों में उत्तरी कब्जे वाले फिलिस्तीन में इज़रायल के महत्वपूर्ण ठिकानों पर ड्रोन हमले किए जाने की पुष्टि की। इन हमलों को इराकी प्रतिरोध ने एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम के रूप में बताया है, जिसका उद्देश्य कब्जाधारी इज़रायल पर दबाव बढ़ाना और उसके सैन्य ठिकानों को कमजोर करना है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में आया है जब इराक सहित विभिन्न प्रतिरोधी समूह, इज़रायल के खिलाफ और क्षेत्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए सक्रिय हो रहे हैं।
इराक़ी प्रतिरोध का कहना है कि ये हमले न केवल उनके प्रतिरोध का हिस्सा हैं, बल्कि इज़रायल के दमनकारी शासन के खिलाफ एक जवाबी कदम भी हैं। इराक़ी प्रतिरोध ने इन हमलों को “फिलिस्तीन और लेबनान की जनता की सहायता के लिए एक जवाब” के रूप में देखा है। उनका कहना है कि इज़रायल द्वारा की गई बर्बरताओं, जिनमें निर्दोष नागरिकों, बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को निशाना बनाना शामिल है, ने इस प्रतिरोध को अनिवार्य बना दिया है। उनका मानना है कि इन हमलों के माध्यम से कब्जाधारी शासन को यह संदेश देना है कि उसके अत्याचारों को बिना जवाब दिए नहीं छोड़ा जाएगा।
इराकी प्रतिरोध ने यह भी कहा कि उनका मिशन क्षेत्रीय संघर्ष तक सीमित नहीं है; वे अपने उद्देश्य को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और यह उनकी विचारधारा का हिस्सा है। उनके अनुसार, जब तक कब्जाधारी शासन के खिलाफ संघर्ष का उद्देश्य पूरा नहीं होता, वे इस प्रतिरोध को जारी रखेंगे। उनका मानना है कि यह संघर्ष केवल भूमि का नहीं, बल्कि मानवता और न्याय का है, और इसका उद्देश्य उन लोगों को राहत दिलाना है, जो दशकों से दमन और अत्याचार का सामना कर रहे हैं।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब पूरे क्षेत्र में इज़रायल के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है, और कई देशों में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इराक़ी प्रतिरोध ने स्पष्ट किया है कि वह इस संघर्ष को अंजाम तक ले जाएंगे और कब्जाधारी शासन के खिलाफ लोगों के अधिकारों की रक्षा करेंगे।