ईरान की इस्लामी क्रांति ने उत्पीड़ित राष्ट्रों को प्रेरित किया
अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसी तस्नीम के अनुसार यमन के सुप्रीम पॉलिटिकल काउंसिलिंग के अध्यक्ष महदी अल-मश्शात ने ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी को इस्लामी क्रांति की जीत की 43वीं वर्षगांठ पर बधाई दी।
यमन के अल-मसीरा नेटवर्क के मुताबिक़ महदी अल-मश्शात ने शुक्रवार रात एक संदेश में कहा कि ईरान की इस्लामी क्रांति ने सभी उत्पीड़ित राष्ट्रों को प्रेरित किया है और अत्याचार और उपनिवेशवाद का सामना करने के लिए उनके दिलों में बड़ी उम्मीदें पैदा कीं और साथ ही हौसलों को मज़बूती दी है।
यमनी सुप्रीम पॉलिटिकल काउंसिल के प्रमुख ने कहा कि ईरान की इस्लामी क्रांति ने इस्लामी जगत में अमेरिका इस्राईल की नीतियों को उजागर किया और इन नीतियों के ख़तरों से आगाह किया। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि ईरान के इस्लामी क्रांति ने सभी अमेरिकी दबाव और उसकी दमनकारी घेराबंदी को तोड़ दिया है।
उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर देकर कहा कि हम यमन की जनता के प्रति ईरान के इस्लामी गणराज्य के भाइचारे के रुख़ के सराहना करते हैं और उनके साथ राजनीतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाने का आह्वान करते हैं।
बता दें कि शाह के काल में ईरान, क्षेत्र में अमेरिका का सब से बड़ा घटक समझा जाता था। यही कारण था कि अमेरिका को ईरान के राजनीतिक परिवर्रतनों से गहरी रूचि थी और वह यह बात भलीभांति जानता था कि यदि ईरान में इस्लामी क्रान्ति सफल हो गयी तो फिर उस के हित ख़तरे में पड़ जाएंगे। अमेरिका ने ईरान की इस्लामी क्रान्ति के आरंभ से लेकर अंतिक दिनों तक इसे रोकने का भरपूर प्रयास किया।