तालिबान को ईरान की दो टूक, अफ़ग़ानिस्तान में समावेशी सरकार का समर्थन करेगा तेहरान काबुल में ईरान के राजदूत बहादुर अमीनियन ने तुलू न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में अंतरिम तालिबान सरकार समावेशी नहीं है और तेहरान अफ़ग़ानिस्तान में एक समावेशी सरकार का समर्थन करेगा।
तालिबान सरकार पर टिप्पणी करते हुए अमीनियन ने कहा कि यदि तालिबान सरकार की संरचना में परिवर्तन होते हैं, तो तेहरान दूसरों को इस समूह को पहचानने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।काबुल में ईरानी राजदूत ने जोर कहा कि तेहरान तालिबान शासकों को एक समावेशी सरकार बनाने के लिए आग्रह करता है।
ईरानी राजदूत ने उल्लेख किया कि यदि अफ़ग़ानिस्तान में नई सरकार को ईरान मान्यता देता है तो रूस, चीन, मध्य एशियाई देश और कुछ अरब देश भी इस सरकार को मान्यता देंगे। अमीनियन ने आगे अफगानिस्तान में जारी आर्थिक समस्याओं के आतंकवादी समूहों, विशेष रूप से आईएसआईएस की गतिविधियों के विस्तार पर प्रभाव के बारे में चेतावनी दी।
अमीनियन ने जोर देकर कहा कि यदि आर्थिक समस्याएं जारी रहती हैं, तो इसका परिणाम केवल लोगों के प्रवास और चरमपंथी समूहों और आईएसआईएस की गतिविधियों के विस्तार में होगा, जो न केवल अफ़ग़ानिस्तान के लोगों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए खतरा है। काबुल में ईरानी राजदूत ने ईरान में अप्रवासियों के खिलाफ दुर्व्यवहार और हिंसा की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि वर्तमान में, 4 मिलियन अफ़ग़ान शरणार्थी ईरान में रहते हैं और उनको मुफ्त शिक्षा प्रदान की गई है।
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से कम से कम 300,000 अफ़ग़ान ईरान में प्रवेश कर चुके हैं। सर्दियों में अभी भी हजारों की संख्या में आने की संभावना है। लगभग 50 लाख अफ़ग़ान विदेशों में विस्थापित हुए हैं, जिनमें से 90 प्रतिशत ईरान और पाकिस्तान की मेजबानी में हैं। लगभग 3.6 मिलियन अफ़ग़ान ईरान में रहते हैं, हालांकि केवल 780,000 को ही शरणार्थी के रूप में मान्यता प्राप्त है।