फ़िलिस्तीन को बिना किसी शर्त पर समर्थन देता है ईरान : ख़ालिद मशअल

फ़िलिस्तीन को बिना किसी शर्त पर समर्थन देता है ईरान : ख़ालिद मशअल

फ़िलिस्तीन की जनता के प्रतिरोध के लिए ईरान के इस्लामी गणराज्य द्वारा किए जाने वाले समर्थन की प्रशंसा करते हुए हमास की राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख ने ज़ोर देते हुए कहा कि ईरान और दूसरे फ़िलीस्तीन समर्थक देशों के बीच अंतर यह है कि तेहरान बिना किसी शर्त के फ़िलिस्तीन की जनता और उसके प्रतिरोध का समर्थन करता आया है।

फिलिस्तीन को ईरान की ओर से मिलने वाले समर्थन की सराहना करते हुए खालिद मशअल ने कहा कि ईरान अन्य सभी देशों से अलग फिलिस्तीनी जनता को बिना किसी शर्त और नियमों के समर्थन करता आया ही।

अंतर्राष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी तस्नीम की रिपोर्ट के अनुसार फ़िलिस्तीन के इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख ख़ालिद मशअल ने साइबरस्पेस बातचीत में अलग अलग मुद्दों पर आंदोलन की स्तिथि के बारे में घोषणा की। ख़ालिद मशअल का यह बयान फ़िलिस्तीन की मीडिया में भी काफ़ी चर्चा में रहा है। इस बयान के अनुसार ईरान और हमास के संबंध का इतिहास बहुत पुराना है, दोनों 1990 के दशक से आपस में दोस्त हैं।

हमास नेता के मुताबिक़ ईरान और फ़िलिस्तीन की जनता का समर्थन करने वाले दूसरे देशों के बीच अंतर यह है कि ईरान ने फ़िलीस्तीन की जनता और उनके प्रतिरोध का हमेशा समर्थन किया है, और साथ ही ईरान ने सैन्य मदद के साथ साथ हथियारों के उत्पादन की तकनीक जैसे मामले में भी हमारा सहयोग किया है।

ख़ालिद मशअल ने ज़ोर देकर कहा कि हमें ईरान का जो भी और जितना भी समर्थन मिलता है वह बिना किसी शर्त और बदले के होता है। साथ ही उन्होंने क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में प्रतिरोध के उदय का उल्लेख करते हुए ज़ोर देकर कहा कि इस्राईली शासन और उनके अत्याचारों के बावजूद प्रतिरोध अभियान गुज़रे सालों को देखते हुए काफ़ी बढ़ गया है।

खालिद ने ज़ोर देकर कहा कि हम रणनीति और उपकरणों दोनों के संदर्भ में अपनी पूरी ताक़त से प्रतिरोध को आगे बढ़ाना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण तल अवीव शासन के सहयोग से वेस्ट बैंक में किसी भी यहूदी विरोधी कार्रवाही को दबा देता है और फ़िलिस्तीनी लोगों को इस क्षेत्र में यहूदी-विरोधी दृष्टिकोण प्राप्त करने से रोकता है। खालिद मशअल ने कहा कि इसके बावजूद हम दिन प्रतिदिन इन क्षेत्रों में यहूदी विरोधी दृष्टिकोण के प्रसार को देख रहे हैं, जिसने ज़ायोनी शासन को भयभीत कर दिया है।

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