ईरान द्वारा 12-दिवसीय जंग में अमेरिकी-इज़रायली गठबंधन के खिलाफ़ गुप्त कार्रवाइयों का ख़ुलासा

ईरान द्वारा 12-दिवसीय जंग में अमेरिकी-इज़रायली गठबंधन के खिलाफ़ गुप्त कार्रवाइयों का ख़ुलासा

ईरान के ख़ुफ़िया मंत्रालय ने सोमवार को एक आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि जून में भड़की 12-दिन की जंग के दौरान अमेरिका-इज़रायल की साज़िशों को नाकाम करने के लिए उसने कौन-कौन सी गुप्त कार्रवाइयाँ कीं।

मंत्रालय ने 13 जून से 24 जून के बीच एक जटिल “हाइब्रिड वॉरफेयर” (मिश्रित युद्ध रणनीति) को विफल करने का दावा किया। इस ऑपरेशन का मक़सद ईरानी सरकार को अस्थिर करना और देश की एकता को तोड़ना था। मंत्रालय ने यह भी बताया कि ख़ुफ़िया ऑपरेशन्स अब भी जारी हैं, जो इज़रायली और अमेरिकी साज़िशों को निशाना बना रहे हैं।

बयान में ख़ुफ़िया कार्रवाईयों के प्रमुख क्षेत्रों का ज़िक्र किया गया:

जासूसी पर नियंत्रण:
ईरान ने फ़िलिस्तीन के कब्ज़े वाले इलाक़ों में गुप्त ऑपरेशन्स किए, जिनमें इज़रायली सुरक्षा एजेंसियों तक एजेंटों की भर्ती भी शामिल थी। इज़रायल के परमाणु से जुड़े अति गोपनीय दस्तावेज़ों का लाभ उठाते हुए उन्होंने संवेदनशील ठिकानों के “सटीक लोकेशन” ईरानी सेना को मुहैया कराए। देश के भीतर 20 मोसाद एजेंट गिरफ्तार किए गए। इस दौरान क्षेत्रीय ख़ुफ़िया एजेंसियों से गुप्त सहयोग भी किया गया।

आतंकवाद और अलगाववाद पर लगाम:
तीन ISIS आतंकियों के आलावा 50 और आतंकियों को हथियारों सहित गिरफ्तार किया गया। दक्षिण-पूर्वी सीमा पर 300 और सीरिया में 150 विदेशी आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश नाकाम की गई। अलगाववादी समूहों के हथियार डिपो को तबाह किया गया और मुजाहिदीन-ए-ख़ल्क़ (MEK) के सक्रिय सेल्स को निष्क्रिय किया गया।

“रेजीम चेंज” की साज़िश नाकाम:
अमेरिका-इज़रायल की एक बड़ी साज़िश को विफल किया गया, जिसमें पूर्व शाह परिवार और कुछ ज़ायोनी विचारधारा वाले प्रवासी ईरानियों के ज़रिये ईरान में कठपुतली सरकार बैठाने की कोशिश थी। तेहरान में एक आतंकी हमले और एविन जेल पर हमले की योजना भी नाकाम की गई। डिजिटल करेंसी (Tether) के ज़रिए तोड़फोड़ के लिए बनाई गई नेटवर्क्स को तोड़ते हुए 65 लोगों को पकड़ा गया। एक मोसाद-प्रायोजित “ज़ायोनी ईसाई” नेटवर्क को भी नष्ट किया गया और उनके हथियार ज़ब्त किए गए (53 गिरफ्तारियां)। विदेशी सितारों और खिलाड़ियों को भड़काने की कोशिश भी रोकी गई।

 

साइबर और हथियारों की तस्करी पर रोक:
कई जासूसी और “सड़क युद्ध” से जुड़े ऑनलाइन चैनलों के एडमिन्स पकड़े गए। मोसाद द्वारा विदेशी नंबरों से नागरिकों को धमकी या शरण देने की पेशकशों को नाकाम किया गया। पश्चिमी सीमा, सिस्तान-बलोचिस्तान और किरमान प्रांतों में हथियारों की बड़ी खेप ज़ब्त की गई और दो अंतरराष्ट्रीय तस्करों को रोका गया।

सामाजिक अशांति की साजिशें रोकी गईं:
देश में दंगे भड़काने और अफरा-तफरी फैलाने की विदेशी कोशिशों को नाकाम किया गया। ज़रूरी बुनियादी ढांचे की सुरक्षा बढ़ाई गई और जानबूझकर माल-अभाव की अफवाहों को रोका गया।

मंत्रालय ने इन सफलताओं का श्रेय ईरान की “फौलादी आस्था”, राष्ट्रीय एकजुटता, सशस्त्र बलों और इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह सैयद अली ख़ामेनेई की दृढ़ नेतृत्व को दिया। बयान में यह भी कहा गया कि जनता की जागरूकता और रिपोर्टिंग ने “पवित्र सुरक्षा रक्षा” में केंद्रीय भूमिका निभाई। आख़िर में, मंत्रालय ने 12-दिन की इस जंग में शहीद हुए अपने छह कर्मियों को श्रद्धांजलि दी।

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