ईरान परमाणु समझौता 48 घंटों के अंदर संभव : द इंडिपेंडेंट

ईरान परमाणु समझौता 48 घंटों के अंदर संभव : द इंडिपेंडेंट

ब्रिटेन के प्रमुख समाचार पत्र द इंडिपेंडेंट ने परमाणु वार्ता में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट देते हुए कहा है कि विश्व शक्तियों के साथ ईरान की परमाणु वार्ता 48 घंटों के अंदर अंदर एक सार्थक नतीजे पर पहुंच सकती है और एक बार फिर परमाणु समझौता पुनर्जीवित हो सकता है।

इस वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि रूस यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया ऊर्जा संकट का सामना कर रही है। तेल की बढ़ती हुई कीमतों के कारण जहां एक ओर दुनिया भर में अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है वहीं पश्चिमी जगत पर रूस यूक्रेन युद्ध का विशेष प्रभाव पड़ रहा है और वह अपनी उर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए रूस के गैस और तेल के विकल्प तलाश करने के लिए विवश हो गए हैं।

अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में परमाणु समझौते को लेकर कोई संभावित तिथि तो नहीं बताई गई है लेकिन दावा किया जा रहा है कि अमेरिका और उसके सहयोगी किसी एक नतीजे पर पहुंचने के लिए तैयार नजर आ रहे हैं और वह जितनी जल्दी संभव हो ईरान से समझौते के पक्षधर हैं। द इंडिपेंडेंट ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पहली बार 2015 में हुए परमाणु समझौते के बहाल होने की अवस्था में ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों को खत्म करने का मार्ग प्रशस्त होगा। ईरान पश्चिमी जगत को अपने तेल निर्यात में बढ़ोतरी कर सकेगा क्योंकि पश्चिमी जगत इस वक्त अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और रूस पर अपनी निर्भरता को कम करना चाहते हैं।

वियना में जारी परमाणु वार्ता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिनिधि के तौर पर काम कर रहे आइरिश विदेश मंत्री साइमन ने भी एक ब्रिटिश न्यूज़ एजेंसी को खबर देते हुए बताया कि इस समझौते के लिए सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। बीबीसी रेडियो 4 से बात करते हुए साइमन ने कहा कि हम एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बहुत निकट पहुंच चुके हैं। कुछ लोग वास्तव में कह सकते हैं कि इस हफ्ते के अंत में, या इस सप्ताह के फौरन बाद समझौते की संभावना मौजूद है।

आइरिश विदेश मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि पश्चिमी जगत तेल और गैस को लेकर रूस पर अपनी निर्भरता खत्म करना चाहता है और वह अन्य विकल्प की तलाश कर रहा है। उन्होंने कहा कि ईरान पर लगे प्रतिबंध खत्म होने और बाजार में ईरान के कच्चे तेल की आपूर्ति के साथ ही तेल की कीमतों पर दबाव कम होगा। अमेरिकी टीवी चैनल सीएनबीसी ने भी कहा है कि अमेरिका और यूरोप रूस के तेल निर्यात को खत्म कर तथा यूरोपीय यूनियन की मास्को पर निर्भरता को कम करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। अतः इस अवस्था में ईरान का कच्चा तेल सबसे बेहतरीन विकल्प है।

रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि 2015 में हुए समझौते की बहाली और मार्केट में ईरान का तेल उस समय आ रहा है जब पिछले एक दशक में तेल की कीमतें अपने उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। बता दें कि ईरानी अधिकारियों ने भी परमाणु समझौते को बहाल करने का संकेत देते हुए कहा है कि हम चाहते हैं कि परमाणु समझौते को अंतिम रूप देने से पहले अमेरिका ईरान के आईआरजीसी बल को आतंकवादी समूह की लिस्ट से हटा दे।

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