ईरान ने कभी भी युद्ध की शुरुआत नहीं की: ईरानी राष्ट्रपति 

ईरान ने कभी भी युद्ध की शुरुआत नहीं की: ईरानी राष्ट्रपति 
ईरानी राष्ट्रपति डॉ. मसऊद पेज़ेश्कियान ने अमेरिकी पत्रकार टकर कार्लसन को दिए एक विशेष इंटरव्यू में स्पष्ट किया कि ईरान युद्ध नहीं, संवाद चाहता है — लेकिन इसके लिए भरोसेमंद माहौल और ज़िम्मेदार पक्षों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि “हम बातचीत से कभी पीछे नहीं हटे, लेकिन इज़रायल द्वारा क्षेत्र और हमारे देश में की गई हिंसक कार्रवाइयों ने माहौल को संकटग्रस्त कर दिया है।”
इज़रायल ने IAEA के  निरीक्षणों का दुरुपयोग किया 
उन्होंने कहा कि ईरान ने कभी परमाणु हथियार नहीं बनाए और न ही बनाने का इरादा है। “यह हमारे सुप्रीम लीडर का फतवा है और IAEA के साथ हमारे सहयोग से यह स्पष्ट भी हुआ, लेकिन इज़रायल ने इन निरीक्षणों का दुरुपयोग कर हमला किया, जिससे अविश्वास बढ़ा।
जब कार्लसन ने पूछा कि क्या ईरान IAEA की जासूसी के आरोपों पर कायम है, तो पेज़ेश्कियान ने कहा कि “हमने हमेशा सहयोग किया, लेकिन जब उन्हीं केंद्रों पर बमबारी हुई जिन्हें IAEA ने जांचा था, और संस्था ने इसकी निंदा तक नहीं की,  तो यह हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय बना।”
राष्ट्रपति पेज़ेश्कियान ने स्पष्ट किया कि “हम फिर से बातचीत में लौट सकते हैं, लेकिन शर्त यह है कि बीच बातचीत के बीच इज़रायल को हमले की छूट न दी जाए। हमें भरोसेमंद प्रक्रिया चाहिए, जहां राजनयिक संवाद को युद्ध से कुचला न जाए।”
इज़रायल ने हमारी हत्या का प्रयास किया

बातचीत में ईरानी राष्ट्रपति ने यह भी दावा किया कि इज़रायल ने उनकी हत्या का प्रयास किया था। “हम एक बैठक में थे और वहां बमबारी की गई। यह हमला इज़रायल द्वारा भेजे गए जासूसों से मिली जानकारी के आधार पर हुआ।

अमेरिका को नेतन्याहू के युद्धवादी एजेंडे से सतर्क रहना चाहिए
ईरानी राष्ट्रपति ने अमेरिकी जनता को आश्वस्त करते हुए कहा कि “ईरान से किसी को डरने की जरूरत नहीं है। ‘मर्ग बर अमेरिका( अमेरिका मुर्दा बाद )  जैसा नारा नीतियों के खिलाफ है, लोगों के नहीं।” उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका को नेतन्याहू के युद्धवादी एजेंडे से सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि यह एक अंतहीन संघर्ष की ओर ले जा सकता है।
राष्ट्रपति पेज़ेश्कियान ने कहा कि ईरान, अमेरिका सहित सभी देशों के साथ आर्थिक सहयोग को तैयार है, लेकिन यह इज़रायली हस्तक्षेप और अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण बाधित है। अंत में, उन्होंने एक बार फिर ज़ोर देते हुए कहा कि “हमारा लक्ष्य क्षेत्र में शांति और स्थिरता है, लेकिन इसके लिए अमेरिका को यह तय करना होगा कि वह नेतन्याहू के साथ खड़ा है या न्यायपूर्ण शांति के साथ।”

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