ईरान-इराक़ सुरक्षा समझौते का लागू होना ज़रूरी है: मेजर जनरल मूसवी

ईरान-इराक़ सुरक्षा समझौते का लागू होना ज़रूरी है: मेजर जनरल मूसवी

ईरान की सशस्त्र सेनाओं के जनरल स्टाफ के प्रमुख ने इराक़ के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से मुलाकात में दोनों देशों के बीच हुए सुरक्षा समझौते को पूरी तरह लागू करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। खबर ऑनलाइन एजेंसी के अनुसार, इराक़ सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार क़ासिम अल-आराज़ी की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय इराक़ी प्रतिनिधिमंडल ने तेहरान में ईरान की सशस्त्र सेनाओं के मुख्यालय का दौरा किया और जनरल सैयद अब्दुर्रहीम मूसवी से बातचीत की।

मेहर समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक़, जनरल मूसवी ने शुरुआत में ईरान और इराक़ के बीच गहरे भाईचारे की भावना पर बल देते हुए कहा:
“अमेरिका की सबसे बड़ी चिंताओं में से एक यही है कि, ईरान और इराक़ की दोनो राष्ट्रों के बीच यह भ्रातृत्व और एकता कायम है — और दुश्मन इस संबंध के असर और बरकत को भली-भांति समझते हैं।”

उन्होंने कहा कि अमेरिका ने इराक़ पर क़ब्ज़ा करने की जो “शातिर साज़िश” रची थी, वह आज सबके सामने स्पष्ट है। “अगर हाल के दिनों में ज़ायोनी शासन और अमेरिका की ओर से ईरान पर हमले नहीं हुए होते, तो शायद इराक़ के ऊपर नियंत्रण पाने की अमेरिका की असल मंशा लोगों के सामने इतनी साफ़ न आती।” मेजर जनरल मूसवी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि दोनों देशों के बीच हुए सुरक्षा समझौते को पूरी तरह लागू करना आवश्यक है।

क़ासिम अल-आराज़ी ने भी कहा कि “ईरान और इराक़ के लोगों के बीच संबंध बहुत गहरे और विशेष हैं, जिन्हें कोई भी कमज़ोर नहीं कर सकता।” उन्होंने आगे कहा कि “ईरान-इज़रायल के बीच 12-दिवसीय युद्ध में जब कई कमांडर, वैज्ञानिक और निर्दोष नागरिक शहीद हुए, तब दुश्मनों की उम्मीदों के उलट, ईरान की जनता ने एकजुट होकर अपनी सशस्त्र सेनाओं, सरकार और इस्लामी गणराज्य के नेतृत्व के साथ कंधे से कंधा मिलाया। इस एकता ने ईरान की महानता और शक्ति को दुनिया के सामने दिखा दिया।”

इराक़ के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने क्षेत्रीय स्थिरता के लिए सैन्य, राजनीतिक और आर्थिक सहयोग को मज़बूत करने की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए कहा:

“इराक़ की सरकार और कुर्द स्वायत्त प्रशासन, दोनों, ईरान की सुरक्षा को अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हैं और हम इस समझौते के हर प्रावधान को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने कहा कि “किसी भी देश को यह अनुमति नहीं दी जाएगी कि वह इराक़ की ज़मीन का इस्तेमाल पड़ोसी देशों — ख़ास तौर पर इस्लामी गणराज्य ईरान — की सुरक्षा के ख़िलाफ़ करे।”

कुर्द स्वायत्त क्षेत्र के गृहमंत्री, जो इस बैठक में मौजूद थे, ने भी यह भरोसा दिलाया कि उनका प्रशासन इस समझौते को लागू करने के लिए दृढ़संकल्प है, ख़ास तौर पर उत्तरी इराक़ में सक्रिय ईरान-विरोधी सशस्त्र समूहों को निष्क्रिय और निरस्त्र करने के लिए। उन्होंने कहा: “कुर्द क्षेत्र की धरती कभी भी ईरान के ख़िलाफ़ किसी भी कार्रवाई का अड्डा नहीं बनेगी।”

popular post

बिहार चुनाव नतीजों के रुझानों ‌में एनडीए को बहुमत, महागठबंधन पीछे 

बिहार चुनाव नतीजों के रुझानों ‌में एनडीए को बहुमत, महागठबंधन पीछे  बिहार चुनाव के शुरुआती

संयुक्त अरब अमीरात ने इस्राईली नागरिकों को वीज़ा देना किया शुरू

कुछ दिनों पहले इस्राईल के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक कर कई समझौते पर हस्ताक्षर

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस हर देश किसी न किसी तारीख़ को नौसेना दिवस मनाया

कल से शुरू होगी टी-20 सीरीज, जानिए कितने बजे खेला जाएगा मैच

भारतीय टीम फ़िलहाल अपने ऑस्टेलिया के दौरे पर है जहाँ पर अब तक एकदिवसीय सीरीज़

कुछ हफ़्तों में मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

कोरोना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह एक सर्वदलीय बैठक की. पीएम मोदी ने

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में लगा तगड़ा झटका, सिर्फ एक सीट पर मिल सकी जीत

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में तगड़ा झटका लगा है. विधान परिषद की

5वें दौर की बैठक: किसानों का दो टूक जवाब हम सरकार से चर्चा नहीं, बल्कि ठोस जवाब चाहते हैं वो भी लिखित में,

कृषि कानूनों को लेकर पिछले 9 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के साथ केंद्र

रूस की नसीहत, वेस्ट बैंक में एकपक्षीय कार्रवाई से बचे इस्राईल

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने मेडिटरेनीयन डायलॉग्स बैठक को संबोधित करते हुए कहा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *