हिज़्बुल्लाह की जवाबी कार्रवाई, इज़रायल पर 300 रॉकेटों से हमला
इज़रायली सेना ने जानकारी दी है कि हिज़्बुल्ला ने इज़रायल के खिलाफ लगभग 300 रॉकेट और अन्य प्रोजेक्टाइल दागे हैं। इज़रायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा कि उत्तरी इज़रायल में हाइफ़ा के दक्षिण में स्थित तटीय शहर एट्लिट में एक विस्फोटक ड्रोन गिरा, जो कि हिज़्बुल्लाह के रॉकेट द्वारा किया गया पहला हमला था। सेना ने यह भी कहा कि इस क्षेत्र की ओर दो अतिरिक्त ड्रोन भी दागे गए थे, लेकिन उन्हें मार गिराया गया। इज़रायली बचाव सेवाओं के अनुसार, इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ।
हिज़्बुल्लाह ने इस हमले की पुष्टि की है और अपने बयान में कहा कि उनके लड़ाकों ने एट्लिट बेस में इज़रायल के विशेष नौसैनिक टास्क यूनिट शायटेट 13 के मुख्यालय पर ड्रोन स्क्वाड्रन के साथ हवाई अभियान शुरू किया। हिज़्बुल्लाह ने दावा किया कि इस कार्रवाई में उनके अफसरों और सैनिकों के ठिकानों को निशाना बनाया गया और लक्ष्यों पर सटीक हमले किए गए।
दूसरी ओर, इज़रायली सेना का कहना है कि अधिकांश रॉकेटों को इज़रायली वायु रक्षा प्रणाली द्वारा मार गिराया गया। यह भी वास्तविकता है कि इज़रायल हमेशा हमले में होने वाले को नुकसान को छुपाता है ताकि उसका वर्चस्व बाक़ी रहे और इज़रायली जनता नेतन्याहू प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन न कर सके। विश्लेषकों के अनुसार एक हफ्ते के लिए इज़रायल में आपातकाल लागू करना नेतन्याहू की उसी रणनीति का हिस्सा है।
हालांकि, कुछ रॉकेट और इंटरसेप्टर मिसाइल के हिस्से जमीन पर गिरे, जिससे ऊपरी गलील के माउंट मेरोन क्षेत्र में आग लग गई। ऊपरी गलील के रोश पिना शहर में एक आवासीय मकान को भी निशाना बनाया गया, जिससे भारी नुकसान हुआ। प्रभावित क्षेत्रों के अस्पतालों ने लगभग 23 लोगों के इलाज की सूचना दी, लेकिन बाद में इज़रायल की मैगन डेविड एडोम इमरजेंसी हेल्थ सर्विस ने कहा कि जिन लोगों का इलाज किया गया, वे शारीरिक चोटों से नहीं बल्कि घबराहट से प्रभावित थे। इसके अलावा, कई निवासियों में ताज़ा तनाव के कारण भय और चिंता की स्थिति उत्पन्न हो गई।