हिज़्बुल्लाह का इज़रायल के हाइफा नौसैनिक अड्डे पर ड्रोन हमला

हिज़्बुल्लाह का इज़रायल के हाइफा नौसैनिक अड्डे पर ड्रोन हमला

हिज़्बुल्लाह लेबनान ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वह न केवल अपने देश की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि गाजा पट्टी के संघर्षशील और पीड़ित फिलिस्तीनी लोगों के साथ भी मजबूती से खड़ा है। गुरुवार सुबह 6 बजे हुए इस बड़े हमले में हिज़्बुल्लाह ने इजरायल के कब्जे वाले हाइफा क्षेत्र में स्थित नौसैनिक अड्डे को आत्मघाती ड्रोन से निशाना बनाया। यह कदम ग़ाज़ा में फिलिस्तीनी जनता पर हो रहे इज़रायली अत्याचारों और कब्जे के खिलाफ प्रतिरोध का साहसिक उदाहरण है।

हिज़्बुल्लाह ने ‘ख़ैबर ऑपरेशन‘ की श्रृंखला के तहत इस हमले को अंजाम दिया। संगठन ने इसे केवल एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि ग़ाज़ा के शहीदों और संघर्षशील फिलिस्तीनी भाइयों के प्रति समर्थन का प्रतीक बताया। यह हमला यह दर्शाता है कि हिज़्बुल्लाह फिलिस्तीनी मुद्दे को न केवल क्षेत्रीय स्तर पर बल्कि वैश्विक मंच पर भी प्रासंगिक बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

इज़रायली सेना पर बड़ा प्रहार

हिज़्बुल्लाह ने अपने बयान में कहा कि आत्मघाती ड्रोन ने हाइफा नौसैनिक अड्डे के उन लक्ष्यों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया, जहां इज़रायली नौसेना की मिसाइल बोट और पनडुब्बियां तैनात थीं। यह अड्डा इज़रायली सैन्य रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस पर हमला करके हिज़्बुल्लाह ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह इज़रायली आक्रमण और दबाव को झेलने के लिए नहीं, बल्कि उसे मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।

लेबनान की सुरक्षा के प्रति वचनबद्धता

हिज़्बुल्लाह का यह कदम केवल ग़ाज़ा पट्टी के समर्थन तक सीमित नहीं है। यह लेबनान और इसके नागरिकों की सुरक्षा का भी प्रतीक है। इज़रायल ने बार-बार लेबनानी क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधियों और हमलों के जरिए इस क्षेत्र की शांति को भंग किया है। हिज़्बुल्लाह ने यह हमला करके इज़रायल को स्पष्ट संदेश दिया है कि लेबनान की संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

कल सुबह से अब तक हिज़्बुल्लाह ने 7 बड़े अभियानों को अंजाम दिया, जिसमें इजरायली सैनिकों के जमावड़ों को निशाना बनाया गया और ‘शरागा’ सैन्य अड्डे पर हमला किया गया। यह दिखाता है कि हिज़्बुल्लाह न केवल साहसी है, बल्कि उसके पास रणनीतिक और सैन्य क्षमताओं का भी गहरा ज्ञान है। हिज़्बुल्लाह का यह हमला फिलिस्तीन के संघर्ष को वैश्विक समर्थन दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल इज़रायल के अत्याचारों का जवाब है, बल्कि उन सभी ताकतों को भी संदेश है जो इजरायली कब्जे का समर्थन करती हैं।

हिज़्बुल्लाह ने अपने इस साहसिक कदम से यह साबित कर दिया है कि वह केवल एक संगठन नहीं, बल्कि एक ऐसा आंदोलन है जो न्याय, स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए किसी भी सीमा तक जा सकता है। यह हमला फिलिस्तीनी प्रतिरोध के साथ उसकी एकजुटता और लेबनानी जनता के प्रति उसकी जिम्मेदारी को और मजबूत करता है। हिज़्बुल्लाह के इस कदम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अत्याचार और कब्जे के खिलाफ प्रतिरोध ही एकमात्र रास्ता है।

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