हमास ने ग़ाज़ा से सुरक्षित बाहर निकलने के तेल अवीव के प्रस्ताव को ठुकराया
वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, इज़रायल ने हाल ही में हमास के नेताओं को एक प्रस्ताव दिया था, जिसमें कहा गया था कि अगर वे बंधकों को रिहा कर दें और अपने हथियार डाल दें, तो उन्हें ग़ाज़ा से सुरक्षित रूप से बाहर निकलने का अवसर दिया जाएगा। इज़रायल ने यह भी कहा कि हमास नेता ग़ाज़ा छोड़कर किसी भी अन्य देश में जा सकते हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि यह प्रस्ताव पिछले सप्ताह मिस्र में हुई वार्ताओं के दौरान पेश किया गया था। उन वार्ताओं में, इज़रायल ने हमास के नेताओं के सामने यह शर्त रखी कि अगर वे इज़रायली बंधकों को रिहा कर देते हैं और हथियार डाल देते हैं, तो वे ग़ाज़ा से बिना किसी नुकसान के सुरक्षित बाहर निकल सकते हैं। हालांकि, हमास ने इस प्रस्ताव को स्पष्ट रूप से ठुकरा दिया है।
यह पहली बार नहीं है जब इज़रायल ने हमास के नेताओं के लिए ऐसा प्रस्ताव रखा है। इससे पहले भी, सितंबर महीने में, तेल अवीव ने हामास के प्रमुख नेता याहया अल-सिनवार को ग़ाज़ा से सुरक्षित रूप से बाहर निकलने का प्रस्ताव दिया था। उस समय, इज़रायली सेना के बंधकों और लापता व्यक्तियों के समन्वयक “गाल हिर्श” ने ब्लूमबर्ग चैनल को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, “मैं अल-सिनवार, उसके परिवार और जो भी उससे जुड़ना चाहे, उनके लिए एक सुरक्षित मार्ग प्रदान करने के लिए तैयार हूँ।”
इज़रायल की ओर से बार-बार ऐसे प्रस्ताव देने का मकसद यह हो सकता है कि वह ग़ाज़ा में चल रहे संघर्ष और तनाव को कम करना चाहता है। लेकिन हमास ने इज़रायल के इन प्रस्तावों को ठुकराते हुए स्पष्ट कर दिया है कि वह इस तरह के समझौते के लिए तैयार नहीं है। हमास का मानना है कि इज़रायल के साथ किसी भी तरह का समझौता उसकी सशस्त्र संघर्ष और फिलिस्तीनी प्रतिरोध की नीतियों के खिलाफ है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इज़रायल के ये प्रस्ताव इज़रायली सेना और सरकार की ओर से एक रणनीतिक प्रयास हो सकता है, ताकि ग़ाज़ा में हामास की शक्ति को कमजोर किया जा सके। वहीं हमास द्वारा इन प्रस्तावों को अस्वीकार करना दर्शाता है कि वह किसी भी कीमत पर ग़ाज़ा छोड़ने के लिए तैयार नहीं है, चाहे इसके लिए उसे कितना ही दबाव क्यों न झेलना पड़े।