हमास ने इज़रायली कैदियों की सुरक्षा आत्मघाती टीमों को सौंपी

हमास ने इज़रायली कैदियों की सुरक्षा आत्मघाती टीमों को सौंपी

फिलिस्तीनी प्रतिरोध से जुड़े सूत्रों ने “अल-अरबी अल-जदीद” अखबार से बातचीत में बताया कि हमास पर कैदी विनिमय समझौते को लागू करने के लिए इज़रायली शासन का दबाव बढ़ता जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हमास द्वारा 12 और इज़रायली कैदियों के नाम को विनिमय सूची में शामिल करने पर सहमति के बावजूद, प्रतिरोध पर दबाव जारी है। इस बीच, इजरायली खुफिया एजेंसियां कैदियों की लोकेशन का पता लगाने के लिए उचित संकेत प्राप्त करने की कोशिश कर रही हैं।

प्रतिरोध के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “हमास और अन्य प्रतिरोध समूह, जो इज़रायली कैदियों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी संभाल रहे हैं, कब्ज़ाधारियों के इन हथकंडों से पूरी तरह वाकिफ हैं। वे यह भी जानते हैं कि मौजूदा कैदी विनिमय समझौते में प्रमुख मतभेद हैं, और इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का वर्तमान टालमटोल रवैया बिल्कुल भी जायज़ नहीं है।”

हमास के इस अधिकारी ने, जो नाम जाहिर नहीं करना चाहते थे, बताया कि नई रणनीतियों के तहत, बिना किसी समझौते के कोई भी इज़रायली कैदी गाज़ा से जीवित बाहर नहीं जाएगा। उन्होंने इजरायली कैदियों के परिवारों को संबोधित करते हुए कहा, “नेतन्याहू बिना समझौते अपने बेटों को निकालने की कल्पना करके उनकी जान खतरे में डाल रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “अगर कब्ज़ाधारी सेना और खुफिया एजेंसियां कैदियों तक पहुंच भी जाती हैं, जो कि असंभव है, तो वे केवल उनके शव ही पा सकेंगी। यहां तक कि शवों तक पहुंचने की संभावना भी संदिग्ध है।”

प्रतिरोध नेता ने खुलासा किया कि “इस समय इज़रायली कैदियों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी आत्मघाती टीमों को सौंपी गई है।” हालांकि, उन्होंने इन आत्मघाती टीमों के बारे में ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि हाल के दिनों में हमास ने कैदी विनिमय समझौते और संघर्ष विराम को तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए लचीलापन दिखाया है, ताकि गाज़ा पट्टी के लोगों की पीड़ा को कम किया जा सके।

इस अधिकारी ने यह भी कहा कि गाज़ा के बाहर स्थित हमास के राजनीतिक नेतृत्व को उन 34 इज़रायली कैदियों की स्थिति की विस्तृत जानकारी नहीं है, जिनके नाम विनिमय सूची में हैं। उन्होंने बताया कि हमास ने पिछली बातचीत में इन कैदियों के जीवित होने की पुष्टि की थी, लेकिन इज़रायली हमलों की वजह से मौजूदा हालात में उनकी स्थिति को ट्रैक करना जोखिम भरा है। इससे कैदियों और उनकी सुरक्षा में लगे टीमों की जान खतरे में पड़ सकती है।

इसके अलावा, यह भी बताया जा रहा है कि गाज़ा पट्टी में इज़रायली सैन्य अभियानों को स्थायी रूप से रोकने का मुद्दा अभी भी कैदी विनिमय समझौते में अस्पष्ट है। जब तक इस मुद्दे पर स्पष्टता नहीं होती, हमास कैदी विनिमय से परहेज़ करेगा।

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