पेरिस में इज़रायल के ख़िलाफ़, फ्रांसीसी नागरिकों का विरोध प्रदर्शन

पेरिस में इज़रायल के ख़िलाफ़, फ्रांसीसी नागरिकों का विरोध प्रदर्शन

पेरिस में इज़रायल विरोधी प्रदर्शन का आयोजन करते हुए फ्रांसीसी नागरिकों ने फिलिस्तीन के प्रति समर्थन और इज़रायली शासन के विरुद्ध अपना आक्रोश व्यक्त किया। रविवार को फ्रांस की राजधानी में हुए इस प्रदर्शन में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। प्रदर्शनकारी रिपब्लिक स्क्वायर में एकत्र हुए, जहां उन्होंने फिलिस्तीन के समर्थन में नारे लगाए और ग़ाज़ा पर इज़रायल के लगातार हवाई हमलों की निंदा की।

प्रदर्शनकारियों के हाथों में फिलिस्तीनी झंडे थे, साथ ही वे ऐसे बैनर और तख्तियां लेकर चल रहे थे जिन पर मानवाधिकारों की रक्षा और इज़रायली शासन के प्रति घृणा व्यक्त करने वाले संदेश लिखे हुए थे। यह प्रदर्शन इज़रायली हमलों के कारण ग़ाज़ा में हो रही जान-माल की हानि और फिलिस्तीनियों पर हो रहे अत्याचारों के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए आयोजित किया गया था।

ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को एक बयान जारी किया, जिसमें बताया गया कि इज़रायली सेना ने युद्ध के चार सौ एकवें दिन, पिछले 24 घंटों में ग़ाज़ा पट्टी में तीन और सामूहिक हत्याएं की हैं। मंत्रालय के अनुसार, हालिया हमलों में 51 और फिलिस्तीनी शहीद हुए हैं, जबकि 164 लोग घायल हुए हैं।

इस बयान में आगे कहा गया कि अक्टूबर 2023 से अब तक इज़रायली हमलों में कुल 43,603 फिलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं, जबकि 102,929 लोग घायल हो चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मलबे में बड़ी संख्या में शहीद अभी भी दबे हुए हैं, जिन्हें युद्ध के चलते बाहर निकाल पाना मुश्किल हो रहा है।

गौरतलब है कि ग़ाज़ा पट्टी पर इज़रायल का हमला 7 अक्टूबर 2023 से शुरू हुआ था और यह अब भी जारी है। इस घेराबंदी के कारण ग़ाज़ा पर मानवीय संकट गहराता जा रहा है, क्योंकि इज़रायली सेना केवल सीमित मानवीय सहायता को इस क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति देती है।

इसके अलावा, इज़रायल ने ग़ाज़ा के कई प्रमुख स्वास्थ्य सुविधाओं, अस्पतालों और चिकित्सा केंद्रों को भी तबाह कर दिया है, जिससे चिकित्सा सेवाओं की गंभीर कमी हो गई है। ग़ाज़ा में हजारों लोग इस घेराबंदी और लगातार हो रहे हमलों के कारण दवाइयों, भोजन और आवश्यक सेवाओं की कमी का सामना कर रहे हैं।

यह प्रदर्शन विश्व भर में फिलिस्तीन के समर्थन में हो रहे अन्य आंदोलनों का हिस्सा है, जिसमें आम जनता इज़रायली हमलों की निंदा कर रही है और फिलिस्तीनी नागरिकों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठा रही है।

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