अमेरिका में तीन फिलिस्तीनी छात्रों पर फ़ायरिंग, आरोपी फ़रार
न्यूयॉर्क, 27 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिका के वर्मोंट में एक विश्वविद्यालय परिसर के पास तीन फिलिस्तीनी छात्रों को गोली मार दी गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना बर्लिंगटन शहर में वर्मोंट विश्वविद्यालय के परिसर के पास शनिवार शाम को हुई। पीडि़तोें की पहचान हिशाम अवतानी, किन्नान अब्देल हामिद और तहसीन अहमद के रूप में हुई। उन पर उस समय हमला किया गया, जब वे एक पारिवारिक रात्रि-भोज के लिए जा रहे थे। वे अमेरिका के विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे थे ।
इज़रायल -हमास के बीच पिछले 50 दिनों से चल रहे संघर्ष के बीच 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लाखों लोग घायल हैं। अमेरिका ने इस संघर्ष में इज़रायल का खुलकर समर्थन किया है। इस बीच दूसरे देशों में हेट क्राइम भी बढ़ते जा रहे हैं। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, छात्र थैंक्सगिविंग हॉलीडे के लिए बर्लिंगटन में एक रिश्तेदार से मिलने के बाद प्रॉस्पेक्ट स्ट्रीट पर घूम रहे थे, तभी एक श्वेत नागरिक ने अपनी हैंडगन से उन्हें गोली मार दी।
रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को पुलिस ने बयान जारी कर बताया कि पीड़ितों में दो अमेरिकी नागरिक और एक लीगल रेजिडेंट है। गोली लगने के बाद उन्हें वर्मोंट मेडिकल सेंटर ले जाया गया। पुलिस ने अपनी विज्ञप्ति में कहा- “दो की हालत स्थिर है, जबकि एक को अधिक गंभीर चोटें आई हैं।” पुलिस ने आगे कहा- “बिना कुछ बोले उसने पिस्तौल से कम से कम चार गोलियां चलाईं और वह पैदल ही भाग गया। रामल्लाह फ्रेंड्स स्कूल ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, “हमारे तीन छात्रों को अमेरिका के वर्मोंट विश्वविद्यालय के भीतर गोली मार दी गई।
तीनों छात्र अमेरिका के अलग-अलग विश्वविद्यालय में पढ़ते हैं। हिशाम अवतानी ब्राउन यूनिवर्सिटी के छात्र हैं। वहीं किन्नन अब्देल हामिद और तहसीन अहमद पेन्सिलवेनिया में हैवरफोर्ड कॉलेज और ट्रिनिटी कॉलेज के छात्र हैं। स्कूल ने पोस्ट में लिखा, “हम छात्रों के परिवारों के प्रति संवेदना जाहिर करते हैं। बता दें हिशाम को पीठ में गोली लगी है। जबकि तहसीन को छाती में और किन्नन को मामूली चोटें आई हैं। ”
फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने रविवार (26 नवंबर) को कहा कि गोलीबारी की घटना से पहले छात्र अरबी में बातचीत कर रहे थे। उन्होंने पारंपरिक फिलिस्तीनी केफियेह पहने हुए थे। फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका अधिकारियों से हमले में जिम्मेदार लोगों की जल्द से जल्द पहचान करने का दबाव डाला है। यह गोलीबारी तब हुई है जब 7 अक्टूबर को इज़रायल-हमास जंग शुरू होने के बाद से अमेरिका में हिंसक हमलों और ऑनलाइन उत्पीड़न सहित इस्लामोफोबिक और यहूदी विरोधी घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही है।