इज़रायली बंधकों के परिवारों की अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन से नेतन्याहू पर दबाव डालने की अपील
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार रात को तेल अवीव में इज़रायली बंधकों के परिवारों के साथ एक महत्वपूर्ण मुलाकात की। यह मुलाकात उस समय हुई जब ग़ाज़ा में इज़रायली सैनिकों और नागरिकों को हमास द्वारा बंदी बनाए जाने की खबरें सामने आईं। कैदियों के परिवारों ने अमेरिकी विदेश मंत्री से गुहार लगाई कि वे इज़रायली कैदियों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और मध्यस्थता में शामिल अन्य पक्षों पर दबाव डालें।
परिवारों की मांग
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ग़ाज़ा में बंदी बनाए गए इज़रायली कैदियों के परिवारों ने ब्लिंकन से अनुरोध किया कि वह कैदियों की रिहाई के लिए कदम उठाएं और कैबिनेट से सीधे तौर पर इस पर कार्यवाही करने की मांग करें। परिवारों ने कहा कि इस संकट का समाधान जल्द से जल्द होना चाहिए ताकि उनके अपने सुरक्षित घर वापस आ सकें। परिवारों ने इस संबंध में अमेरिकी सरकार से भी मदद की गुहार लगाई, क्योंकि अमेरिका को इज़रायल का सबसे बड़ा समर्थक और मित्र माना जाता है।
ब्लिंकन का जवाब
एंटनी ब्लिंकन ने इज़रायली परिवारों से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी सरकार इन कैदियों की रिहाई के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि एक सीमित समझौता करने की कोशिश की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि दूसरी ओर बातचीत के लिए कितनी गंभीरता है। इसके अलावा, ब्लिंकन ने यह आश्वासन दिया कि अमेरिका, ग़ाज़ा में बंधक बनाए गए इज़रायली नागरिकों के परिवारों का पूरा समर्थन करता है।
ब्लिंकन ने अपने बयान में कहा, “हम ग़ाज़ा पट्टी में बंदी बनाए गए बंधकों के परिवारों का समर्थन करते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “हम इन लोगों की रिहाई के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और इसे अपने लिए एक महत्वपूर्ण लक्ष्य मानते हैं।”
याह्या सिनवार की हत्या पर टिप्पणी
इस बैठक के दौरान, ब्लिंकन ने यह भी कहा कि हमास नेता याह्या सिनवार की हत्या को युद्ध को रोकने का एक अवसर माना जा सकता है। उन्होंने इसे एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम के रूप में बताया, जो इस संकट को हल करने में मदद कर सकता है। हालाँकि, उन्होंने इस पर विस्तार से कोई जानकारी नहीं दी कि यह कैसे संभव होगा।
ग़ाज़ा में इज़रायली कैदियों की रिहाई एक अत्यंत जटिल मुद्दा बन चुकी है, जिसमें कई पक्ष शामिल हैं। इज़रायल की सरकार हमास के साथ किसी भी प्रकार की बातचीत करने से पहले कड़ी शर्तें लगा रही है, जबकि दूसरी ओर हमास भी अपनी मांगों पर अड़ा हुआ है। ऐसे में अमेरिकी मध्यस्थता से इस समस्या के समाधान की उम्मीद की जा रही है। ब्लिंकन की इस यात्रा और इज़रायली परिवारों से उनकी मुलाकात को संकट को सुलझाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम माना जा रहा है।


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