इज़राइल के पूर्व मंत्री का ख़ुलासा, यमन के पूर्व राष्ट्रपति हादी ने की थी तल अवीव यात्रा
इज़राइल के पूर्व विदेश मंत्री इज़राइल काट्ज़ ने इस्तीफ़ा देने वाले यमन के पूर्व राष्ट्रपति मंसूर हादी के बारे में एक नए रहस्य से पर्दा उठाया है।
इज़राइल के समाचार पत्र हारेत्ज़ के वरिष्ठ सैन्य संवाददाता आमूस हरेल ने लाल सागर में इज़राइल की रणनीति के बारे में काट्स के साथ अपने साक्षात्कार के अंश प्रकाशित किए जिनमें से एक हिस्सा यमन युद्ध के केट्स के आकलन से संबंधित है।
काट्ज़ ने साक्षात्कार में कहा कि दुर्भाग्य से हमारे पास यमन में विश्वसनीय सहयोगी नहीं हैं, राष्ट्रपति मंसूर हादी के हमारे साथ मज़बूत संबंध हैं लेकिन इस व्यक्ति के पास हौसियों के ख़िलाफ़ युद्ध के नेतृत्व की क़ाबलियत नहीं है, यमन में युद्ध की शुरुआत में मंसूर हादी ने जॉर्डन और मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फ़त्ताह सीसी की मदद से तेल अवीव की यात्रा की और इस यात्रा के दौरान अच्छे समझौते हुए।
उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि अब्द मंसूर हादी लड़ाकू नहीं हैं, अगर उसे विजयी सेना भी दे दी जाए तो वह निश्चित रूप से हार जाएंगे। स्वभाविक रूप से यमन में इज़राइल और सऊदी शासन के पास कोई अन्य उपयुक्त विकल्प नहीं है इसलिए उनका समर्थन करना अभी हमारे एजेंडे में है।
इस बात पर ज़ोर देते हुए कि अल-हुदैदह की लड़ाई मंसूर हादी की तल अवीव की दूसरी यात्रा का का परिणाम थी काट्ज़ ने कहा कि हम सऊदी अरब, यूएई और मंसूर हादी के बीच अच्छा सामंजस्य स्थापित करने में सक्षम थे, लेकिन दुर्भाग्य से यह युद्ध समाप्त नहीं हुआ, हालांकि इसका अर्थ यह बिल्कुल नहीं कि लाल सागर में इज़राइल का अधिकार कमज़ोर है। यमन में जारी युद्ध इससे पहले कि उसे क्षेत्रीय युद्ध कहा जाए वह संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब के बीच हौसियों के ख़िलाफ़ युद्ध है। शायद यह कहना उचित होगा कि यह एक गृह युद्ध है, हौसी बहुत आसानी सऊदी अरब के केंद्र पर हावी हो सकते हैं और यह रियाज़ के लिए बहुत दुखद होगा।