घरेलू विवादों ने इज़रायल को अराजकता की ओर धकेला: इज़रायली राष्ट्रपति

घरेलू विवादों ने इज़रायल को अराजकता की ओर धकेला: इज़रायली राष्ट्रपति

इज़रायल के राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग ने उच्च शिक्षा सम्मेलन में अपने संबोधन में देश में बढ़ते आंतरिक विवादों और राजनीतिक अस्थिरता को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व को अप्रत्यक्ष रूप से आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वर्तमान हालात देश को अराजकता की ओर धकेल रहे हैं।

हर्ज़ोग ने कहा, “मैं उन घटनाओं पर बात करना चाहता हूं जो मुझे गहराई से चिंतित करती हैं। हम युद्ध के बीच में हैं, और हमने भारी कीमत चुकाई है। हजारों लोग मारे गए और घायल हुए हैं। अब तक हमने 800 से अधिक सैनिक खो दिए हैं। लेकिन इस कठिन समय में भी हमारी सरकार के भीतर राजनीतिक खेल खत्म नहीं हो रहे।”

उन्होंने मौजूदा स्थिति की आलोचना करते हुए कहा, “ऐसे समय में हमारे देश में क्या हो रहा है? बंधकों के परिवारों के साथ अपमानजनक व्यवहार किया जा रहा है। शिन बेट के प्रमुख और सेना प्रमुख पर राजद्रोह और तख्तापलट की साजिश के आरोप लगाए जा रहे हैं। कैबिनेट के कानूनी सलाहकार पर शत्रुता का आरोप लगाया जा रहा है और उन्हें दिन-रात हटाने की धमकियां मिल रही हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री के घर पर आग लगाने वाले बम फेंके जा रहे हैं, और उन पर भी राजद्रोह का आरोप लगाया जा रहा है।”

यह बयान सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नेतन्याहू के शासन की विफलताओं की ओर इशारा करता है। राष्ट्रपति ने सवाल किया, “क्या यह तर्कसंगत है? क्या हमने पर्याप्त कष्ट नहीं झेले हैं? क्या नेतन्याहू और उनकी सरकार यह नहीं समझ पा रहे कि यह सब इज़रायल की सुरक्षा को नुकसान पहुंचा रहा है? क्या वे यह नहीं देख पा रहे कि इस तरह हम खुद अपने देश को बर्बाद कर रहे हैं?”

हर्ज़ोग ने नेतन्याहू सरकार में शिन बेट प्रमुख, सेना प्रमुख और कैबिनेट के कानूनी सलाहकार के खिलाफ हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे “भयावह” और “पागलपन” करार देते हुए कहा, “राजद्रोह के आरोप, हटाने की धमकियां और खून बहाने की बातें… यह सब रुकना चाहिए।”

उन्होंने नेतन्याहू सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, “कुछ लोग हैं जो देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर रहे हैं, लेकिन दूसरी ओर ऐसे नेता भी हैं जो अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए इज़रायल को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। मैं आप सभी को चेतावनी देता हूं: आप इज़रायल को तबाह कर रहे हैं, और यह पागलपन तुरंत खत्म होना चाहिए।”

गौरतलब है कि नेतन्याहू सरकार के तहत पिछले कुछ महीनों से आंतरिक राजनीतिक विवादों ने इज़रायल को गहरे संकट में डाल दिया है। कट्टरपंथी दक्षिणपंथी नेताओं के नेतृत्व में शिन बेट प्रमुख, सेना प्रमुख और कैबिनेट के कानूनी सलाहकार पर तीखे हमले हो रहे हैं। इन हमलों का नेतृत्व आंतरिक सुरक्षा मंत्री इटामार बेन ग्वीर और वित्त मंत्री बेज़ालेल स्मोट्रिच जैसे नेतन्याहू के सहयोगी कर रहे हैं।

राष्ट्रपति हर्ज़ोग की यह तल्ख टिप्पणी स्पष्ट रूप से नेतन्याहू के कमजोर नेतृत्व और देश में गहराते संकट के प्रति उनकी निष्क्रियता पर सवाल खड़े करती है। उनके बयान ने न केवल नेतन्याहू सरकार की विफलताओं को उजागर किया है, बल्कि यह भी चेतावनी दी है कि यदि राजनीतिक नेतृत्व ने तुरंत सुधारात्मक कदम नहीं उठाए, तो इज़रायल के भविष्य पर गंभीर खतरा मंडरा सकता है।

popular post

बिहार चुनाव नतीजों के रुझानों ‌में एनडीए को बहुमत, महागठबंधन पीछे 

बिहार चुनाव नतीजों के रुझानों ‌में एनडीए को बहुमत, महागठबंधन पीछे  बिहार चुनाव के शुरुआती

संयुक्त अरब अमीरात ने इस्राईली नागरिकों को वीज़ा देना किया शुरू

कुछ दिनों पहले इस्राईल के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक कर कई समझौते पर हस्ताक्षर

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस हर देश किसी न किसी तारीख़ को नौसेना दिवस मनाया

कल से शुरू होगी टी-20 सीरीज, जानिए कितने बजे खेला जाएगा मैच

भारतीय टीम फ़िलहाल अपने ऑस्टेलिया के दौरे पर है जहाँ पर अब तक एकदिवसीय सीरीज़

कुछ हफ़्तों में मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

कोरोना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह एक सर्वदलीय बैठक की. पीएम मोदी ने

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में लगा तगड़ा झटका, सिर्फ एक सीट पर मिल सकी जीत

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में तगड़ा झटका लगा है. विधान परिषद की

5वें दौर की बैठक: किसानों का दो टूक जवाब हम सरकार से चर्चा नहीं, बल्कि ठोस जवाब चाहते हैं वो भी लिखित में,

कृषि कानूनों को लेकर पिछले 9 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के साथ केंद्र

रूस की नसीहत, वेस्ट बैंक में एकपक्षीय कार्रवाई से बचे इस्राईल

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने मेडिटरेनीयन डायलॉग्स बैठक को संबोधित करते हुए कहा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *