ब्रिटेन ने ईरान की बढ़ती मिसाइल क्षमता पर जताई चिंता, युद्धाभ्यास पर की निंदा ब्रिटिश विदेश कार्यालय ने शुक्रवार को ईरान में “महान पैगंबर 17” अभ्यास में 16 बैलिस्टिक मिसाइलों की एक साथ गोलीबारी पर नाराजगी व्यक्त की है।
ब्रिटेन मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार बयान में कहा गया है कि हम युद्धाभ्यास में ईरान द्वारा बैलिस्टिक मिसाइलों के इस्तेमाल की निंदा करते हैं, जिसकी आज पुष्टि हो गई है। ब्रिटिश विदेश कार्यालय ने दावा किया है कि ये युद्धाभ्यास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2231 का स्पष्ट उल्लंघन है, जो ईरान को बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी का उपयोग करके मिसाइलों को लॉन्च करने सहित परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों से संबंधित किसी भी गतिविधि से परहेज करने के लिए कहता है।
बयान में कहा गया है कि ये कार्रवाइयां अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं और हम ईरान से ऐसी गतिविधियों को तुरंत बंद करने का आह्वान करते हैं। ब्रिटेन का कहना है कि 16 बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण 2015 में हुए ईरान परमाणु समझौते का समर्थन करने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का उल्लंघन है।
ब्रिटेन ने कहा है कि यह मिसाइल परीक्षण उकसावे वाला, आतंकित करने वाला और अनुचित है। साथ ही ब्रिटेन इस बात पर कायम है कि इस युद्धाभ्यास को बंद होना चाहिए। गौरतलब है कि अमेरिका ने मई, 2018 में स्वयं को 2015 ईरान परमाणु समझौते से अलग कर लिया था। संयुक्त राष्ट्र में बैठक से पहले ईरान ने कहा है कि मिसाइल कार्यक्रम रक्षात्मक प्रकृति का था और देश की जरूरतों के अनुसार ही विकसित किया गया है।
ईरान की इस प्रगति पर टिपण्णी करते हुए ब्रिटिश न्यूज नेटवर्क स्काई न्यूज ने बताया था कि अभ्यास के दौरान ईरान ने कई तरह की मिसाइलों का प्रदर्शन किया। स्काई न्यूज ने अभ्यास के एक वीडियो में लिखा था कि ईरान उन देशों की सूची में शामिल हो गया है जो अभ्यास के दौरान परीक्षण उपकरणों पर जल्दी से आकर्षित होते हैं।