बश्शार असद की आयतुल्लाह ख़ामेनई और राष्ट्रपति रईसी से मुलाक़ात
ईरान की आधिकारिक यात्रा पर गए सीरिया के राष्ट्रपति बश्शार असद ने ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनई औ राष्ट्रपति इब्राहिम रईस से मुलाक़ात की।
आयतुल्लाह ख़ामेनई ने सीरिया संघर्ष में दमिश्क़ सरकार की भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपका बुलंद हौसला सीरिया की विजय में प्रभावी रहा, देश का पुनर्निर्माण कीजिए, अभी आपको बहुत बड़े काम करने हैं!
रविवार को हुई इस मुलाक़ात में आयतुल्लाह ख़ामेनई ने आतंकवाद के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय स्तर की जंग में सीरियाई राष्ट्र और व्यवस्था के प्रतिरोध, दृढ़ता और कामयाबी को सीरियाई राष्ट्र की साख के बढ़ने की पृष्ठिभूमि बताया। आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने कहा कि सीरिया के साथ सहयोग बढ़ाने में ख़ुद राष्ट्रपति और ईरानी सरकार के मज़बूत इरादे और ऊंचे हौसले के मद्देनज़र, दोनों मुल्कों के संबंधों को पहले से ज़्यादा व्यापक होना चाहिए।
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने राजनैतिक व सैन्य मैदानों में सीरिया की बड़ी कामयाबी का ज़िक्र करते हुए कहा कि आज का सीरिया जंग से पहले वाला सीरिया नहीं है, हालांकि उस वक़्त तबाही नहीं थी लेकिन इस वक़्त सीरिया की साख और इज़्ज़त पहले से बहुत ज़्यादा है और सभी इस मुल्क को एक ताक़त के रूप में देखते हैं।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर देते हुए कि आज इलाक़े की क़ौमों के नज़दीक सीरियाई राष्ट्रपति और क़ौम का सिर ऊंचा है, ख़ामेनई ने कहा कि हमारे और आपके कुछ पड़ोसी देशों के नेताओं का तल अवीव शासन के साथ मेल-जोल है और वह साथ में बैठ कर कॉफ़ी पीते हैं, लेकिन इन्हीं देशों की जनता क़ुद्स दिवस पर सड़कों पर आकर इस्राईल शासन के ख़िलाफ़ नारे लगाती हैं। यह इस क्षेत्र की सच्चाई है।
आयतुल्लाह ख़ामेनई ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंक के विरुद्ध युद्ध में सीरिया की कामयाबी व प्रतिरोध के पीछे कई तत्वों को प्रभावी बताया और बश्शार असद से कहा कि इन अहम कारकों में एक आप का ऊंचा हौसला है और अल्लाह करे आप इसी हौसले के साथ जंग से फैली तबाही को दूर करें और देश का पुनर्निर्माण करें क्योंकि आपके सामने बहुत बड़े काम हैं।
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने क़ासिम सुलैमानी को याद करते हुए कहा कि उस महान शहीद को सीरिया से ख़ास लगाव था और सही अर्थों में वह बलिदान देते थे और सीरिया में उनका व्यवहार, ईरान की 8 वर्षीय पवित्र प्रतिरक्षा के दौरान उनकी कार्यशैली से अलग नहीं था।
उन्होंने कहा कि सुलैमानी और हुसैन हमदानी जैसे आईआरजीसी के बड़े कमांडर जी जान से मेहनत करते थे थे और सीरिया के विषय को पवित्र व अनिवार्य कर्तव्य की नज़र से देखते थे।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने बल देकर कहा कि यह संपर्क व संबंध दोनों देशों के लिए निर्णायक हैसियत रखता है, जिसे कमज़ोर नहीं होना चाहिए, बल्कि हमें चाहिए उसे जितना मुमकिन हो मज़बूत करें। उन्होंने पिछले कई वर्षों से सीरिया विरोधी मोर्चे में रहे कुछ देशों के हालिया बयानों का ज़िक्र करते हुए कहा कि अतीत के अनुभव से फ़ायदा उठाते हुए भविष्य के रास्ते को निर्धारित करना चाहिए।
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने सीरियाई राष्ट्रपति के बुलंद हौसले को बड़े कामों को अंजाम देने की बुनियाद बताते हुए कहा कि ख़ुद ईरानी राष्ट्रपति और इस्लामी गणराज्य ईरान बुलंद हौसले व इरादे के साथ सीरिया के विषय को ख़ास अहमियत देता है। अतः इस अवसर को दोनों देशों के संबंधों को पहले से अधिक मज़बूत करने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए।