बहरैन, देश की राजनीतिक समस्या का समाधान निष्पक्ष क़ानून और न्याय प्रणाली 

बहरैन, देश की राजनीतिक समस्या का समाधान निष्पक्ष क़ानून और न्याय प्रणाली 

बहरैन के लोकप्रिय नेता एवं वरिष्ठ धर्मगुरु शैख़ ईसा क़ासिम ने देश की मुख्य समस्या का उल्लेख करते हुए कहा कि बहरैन की मुख्य समस्या राजनीतिक है और उसे बिना निष्पक्ष क़ानून और मज़बूत न्याय प्रणाली के बिना हल नहीं किया जा सकता, क्योंकि देश में वर्तमान स्थिति यह है कि सरकार की नीतियों ने इसे अलग अलग तरह के उत्पीड़न और अत्याचारों से घेर रखा है।

उन्होंने 14 फ़रवरी की क्रांति की बरसी के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि बहरीन के लोगों में आत्मसम्मान, मानवता और दीन पाया जाता है और उन्हें अपनी आज़ादी हासिल करने की बड़ी इच्छा है। आयतुल्लाह ईसा क़ासिम ने बहरैन और देश के बाहर सभी इस्लामी और ग़ैर इस्लामी देशों के ग़ैरतमंद मुसलमानों से आग्रह किया कि वह इस्राईल को मुस्लिम उम्मत का हिस्सा बनाने की दमनकारी नीतियों के ख़िलाफ़ उठ खड़े हों।

देश की 14 फरवरी की क्रांति की बरसी पर कल रात उन्होंने कहा ईमान एक सम्मानजनक और न्यायपूर्ण जीवन का शुरुआती बिंदु है जो सभी को ख़ुश रख सकता है। अगर किसी देश के लोग अपने देश की समस्याओं को दूर करना चाहते हैं तो उन्हें एकजुट होकर समाधान तक पहुंचने के प्रयासों को एकजुट करना होगा।

बहरैन क्रांति के आध्यात्मिक लीडर ने कहा कि जिस तरह अच्छे और सही के बारे में एकता और इत्तेहाद में ही निजात है वैसे ही बुराई और झूठ में एकता विनाशकारी और भ्रष्टाचारी है। शैख़ ईसा क़ासिम ने इस्राईल और आले ख़लीफ़ा सहित कुछ अरब शासनों के सामान्यीकरण का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें बहरैन और पूरे क्षेत्र में सभी इस्राईली परिदृष्यों और साज़िशों का सामना करना चाहिए। हम दूरदर्शिता, अंतर्दृष्टि और जागरूकता के साथ सत्य को पुनर्जीवित करने की कोशिश में हैं, और हमारी कोशिश दीन और अल्लाह की ख़ुशनूदी यानी उसे राज़ी करने की है।

शैख़ ईसा क़ासिम ने अपने बयान में कहा कि इस्राईली सेना ने अपने एक अधिकारी को बहरैन में तैनात कर रखा है ताकि वह अपने अत्याचारों और आक्रमकता को बहरैन से कंट्रोल कर सके। इन हालात को देखने के बाद हमारे पास समझने के लिए क्या बचा है कि बहरैन पर पूरी तरह क़ब्ज़ा कर लिया गया है।

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