अरबईन , ज़ाएरीन पर हमले की आईएसआईएस की साज़िश नाकाम इराक के कर्बला में हर साल की तरह ही इस साल भी करोड़ों श्रद्धालुओं के पहुँचने के क्रम जारी है।
अरबईन के अवसर पर पैग़म्बर साहब के उत्तराधिकारी और शिया संप्रदाय के तीसरे इमाम हज़रत इमाम हुसैन के रौज़े पर कर्बला में करोड़ों श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता है।
इमाम हुसैन का शोक मनाने वाले श्रद्धालु हमेशा से ही आतंकवाद और साम्राज्यवादी शक्तियों के निशाने पर रहे हैं। इराक और विशेष रूप से पवित्र नगर कर्बला में अरबईन के अवसर पर जैसे-जैसे श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती है वैसे वैसे ही आईएसआईएस और उसकी विचारधारा से संबंधित अन्य आतंकी गुट की सक्रियता भी बढ़ जाती है।
हर साल इराकी सुरक्षा बल स्वंयसेवी समूहों की सहायता से सुरक्षा के कड़े प्रबंध करते हैं। इराक में आतंकवाद के खिला संघर्ष में प्रभावी भूमिका निभाने वाले स्वंयसेवी दल हश्दुश शअबी ने एक बयान जारी करते हुए बताया है कि उसे अपने खुफिया तंत्र से जानकारी प्राप्त हुई थी क्या आतंकी संगठन आईएसआईएस अरबईन के मौके पर इमाम हुसैन के श्रद्धालुओं को निशाना बनाने की योजना बना रहा है।
हश्दुश शअबी ने सही समय पर प्रभावी कदम उठाते हुए आतंकवादी गुट की साजिश को नाकाम बना दिया है। फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार इराकी बलों ने इराक के दक्षिणी बगदाद में एक जटिल एवं सफल सैन्य अभियान चलाते हुए आतंकवादी गुट आईएसआईएस की साजिश को नाकाम कर दिया है।
कहा जा रहा है कि आईएसआईएस के आतंकी कर्बला जाने वाले इमाम हुसैन के जायरीन को हमलों का निशाना बनाना चाहते थे। हश्दुश शअबी के वरिष्ठ कमांडर यासिर हुसैन ने घोषणा की है कि इराकी सुरक्षा बलों ने अरबईन के कार्यक्रम के लिए विशेष ऑपरेशन कमान बनाई है जो इराक से अंतिम श्रद्धालु की सकुशल वापसी तक अपना अभियान जारी रखेगी।
याद रहे कि इराक और भारत समेत दुनियाभर के अधिकांश देशों में इस बार इमाम हुसैन का चेहलुम 28 सितंबर को है। कोविड-19 के खतरों को देखते हुए इस बार कर्बला में सीमित स्तर पर विदेशी श्रद्धालुओं को आने की अनुमति दी गई है। कर्बला में हर साल इमाम हुसैन के चेहलुम के अवसर पर दुनिया भर से करोड़ों श्रद्धालु कर्बला पहुंचते हैं।