इज़रायली हमले के ख़िलाफ़ अरब और अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई ज़रूरी: बिन सलमान
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने क़तर पर हुए इज़रायली आतंकी हमले और ग़ाज़ा में जारी नरसंहार की निंदा करते हुए कहा कि, इज़रायल की आक्रामकता को रोकने के लिए अरब-इस्लामी और अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई ज़रूरी है, क्योंकि वह क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बड़ा ख़तरा है।
तस्नीम न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, क़तर पर इज़रायली आतंकी हमले के बाद बढ़ती क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं के बीच मोहम्मद बिन सलमान ने एक बार फिर इस हमले की निंदा की और ज़ोर दिया कि, क़तर पर हमला, इज़रायल की आक्रामकता का स्पष्ट उदाहरण है और इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कदम उठाए जाने चाहिए।
सऊदी संसद के नवें सत्र के दूसरे वर्ष के उद्घाटन समारोह में उन्होंने कहा: “हम इज़रायल के इस आक्रामक और क़ब्ज़ाग्रस्त रुख़ की निंदा करते हैं, जिसका ताज़ा उदाहरण हमारे भाई क़तर पर हुआ हमला है।”
क्राउन प्रिंस ने आगे कहा कि यह स्थिति अरबी, इस्लामी और अंतरराष्ट्रीय कदम उठाने की मांग करती है ताकि, इन हमलों को रोका जा सके और इज़रायली अपराधों को रोककर क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने यह भी कहा:
हम हर परिस्थिति में अपने भाई क़तर के साथ खड़े रहेंगे और अपने पूरे सामर्थ्य का उपयोग करेंगे।”
बिन सलमान ने ग़ाज़ा पर इज़रायल के लगातार हमलों और आम नागरिकों को भूखा रखने की निंदा करते हुए कहा: “ग़ाज़ा एक फ़िलिस्तीनी ज़मीन है और उसके लोगों के अधिकार अटल हैं। उन्हें न तो हमले से छीना जा सकता है और न ही धमकी से नकारा जा सकता है। हमारा रुख़ स्पष्ट है—इन अधिकारों की रक्षा और उनके उल्लंघन को रोकने के लिए गंभीर प्रयास करना।”
इज़रायली आतंकी हमले अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का खुला उल्लंघन है
उन्होंने क़तर के अमीर शेख़ तमीम बिन हमद अल-सानी से टेलीफ़ोन पर बात करते हुए भी इज़रायल के इस हमले को आतंकी और आपराधिक कार्रवाई बताया और कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों और मानकों का खुला उल्लंघन है। बिन सलमान ने अमीर क़तर को भरोसा दिलाया कि रियाद पूरी क्षमता से क़तर की सुरक्षा और उसकी संप्रभुता की रक्षा के प्रयासों का समर्थन करेगा।यमन का इज़रायली क्षेत्र में गुप्त ड्रोनों के साथ 10 अभियान, सुरक्षा प्रणाली रोकने में नाकाम
यमन की सशस्त्र सेनाओं ने पिछले 48 घंटों में अपने हमले तेज़ कर दिए हैं। इनमें राडार से बच निकलने वाले आधुनिक ड्रोन भी शामिल हैं, जिन्होंने इज़रायल की उन्नत राडार प्रणाली को धोखा देकर अपने लक्ष्यों को सटीकता से निशाना बनाया।
ईरानी मीडिया के अनुसार, यमन की ड्रोन फोर्स ने 48 घंटों में लगातार 10 ऑपरेशन किए। इन ड्रोन ने 2500 किलोमीटर से ज़्यादा उड़ान भरी, कई देशों की हवाई रक्षा प्रणाली को चकमा दिया और लक्ष्यों पर सटीकता से लगे। सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि इससे साबित होता है कि यमन के पास अब आधुनिक तकनीक और हाइड्रोजन इंजन वाले ड्रोन हैं, जो उन्हें लंबी दूरी और पकड़ से बाहर रहने की क्षमता देते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन ड्रोन का हल्का वज़न, तेज़ गति और राडार से बचने की क्षमता इन्हें “स्टील्थ एयरक्राफ्ट” की तरह बनाती है। यमनी सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर याह्या सरी ने इन ड्रोन का मॉडल उजागर नहीं किया, जिससे पता चलता है कि, यह नए प्रकार के हैं और अभी मैदान में टेस्ट हो रहे हैं।
इन हमलों ने इज़रायल के भीतर राजनीतिक और सैन्य हलचल पैदा कर दी है। इज़रायली चैनल 12 के सैन्य संवाददाता ने कहा कि, वायुसेना के राडार ऑपरेटरों ने यमनी ड्रोन को “पक्षियों का झुंड” समझ लिया। लेकिन इज़रायल के ही सैन्य हलकों ने इसे हास्यास्पद करार दिया कि, दुनिया की सबसे उन्नत टेक्नोलॉजी ऐसे बहाने बना रही है।
कुछ इज़रायली मीडिया ने पहले इसे स्वीकार भी किया और कहा कि राडार ने अलार्म नहीं बजाया क्योंकि उन्हें “पक्षियों का झुंड” लगा। लेकिन सवाल उठे कि फिर सेना प्रमुख ऐल ज़ामिर के घर के आसपास इलाके को “सैन्य क्षेत्र” क्यों घोषित किया गया।
यमनी चैनल अल-मसीरा ने लिखा कि, इन बहानों के बावजूद, इज़रायल के अंदर डर और असुरक्षा और बढ़ी। कई सैन्य बैठकें इस नतीजे पर पहुँचीं कि इज़रायली सेना ऐसे ड्रोन का सामना करने में सक्षम नहीं है। ड्रोन ने आखिरकार दक्षिणी इज़रायल के रमोन हवाईअड्डे को भी निशाना बनाया।
जबकि उपनिवेशों में दहशत अभी भी बनी हुई थी, तभी और यमनी ड्रोन छोड़े गए। इज़रायल ने पहले इसे छिपाने की कोशिश की लेकिन फिर माना कि, तीन ड्रोन आधे घंटे में पहुँचे। इज़रायली मीडिया ने पुष्टि की कि इनका लक्ष्य “दिमोना” था और वहाँ सायरन बजे। हालांकि इज़रायल ने कहा कि यह “गलत अलार्म” था।
इसी बीच इज़रायली पत्रकारों ने भी स्वीकार किया कि, उन्होंने यमनी सेना के प्रवक्ता के बयान सुने कि, दिमोना क्षेत्र में एक संवेदनशील ठिकाने को निशाना बनाया गया। पत्रकारों ने बताया कि उन्होंने धुआँ उठते भी देखा।
काफी बहस के बाद इज़रायल की “होम फ्रंट कमांड” ने बयान जारी कर कहा कि “ड्रोन घुसपैठ की घटना समाप्त हो गई है।” चैनल 12 ने दावा किया कि, सेना ने ड्रोन गिरा दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि क्या ज़ामिर के घर के आसपास का इलाका अभी भी बंद है। फ्रांस प्रेस के संवाददाता ने भी लिखा कि उसने आकाश में कोई इंटरसेप्टर मिसाइल की आवाज़ नहीं सुनी। इसके बावजूद, इज़रायली सेना का दावा है कि, उन्होंने यमन से छोड़ा गया चौथा ड्रोन भी गिरा दिया।


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