अमेरिका का परमाणु समझौते से हटना थी एक बड़ी गलती: ईसेनकोट
इस्राईल के प्रख्यात समाचार पत्र मआरिव के साथ बात करते हुए इस्राईली सेना के पूर्व कमांडर, गैडी ईसेनकोट ने कहा कि 2018 में संयुक्त राज्य अमेरिका का ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से पीछे हटने का फैसला एक रणनीतिक भूल थी।
अमेरिका के निर्णय को गलत बताते हुए गैडी ईसेनकोट ने IAEA बोर्ड से अमेरिका की वापसी की निंदा करते हुए दावा किया कि अमेरिका के इस कदम ने ईरान से “कुछ प्रतिबंध” हटा दिए और इसे अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक वैधता प्रदान की।
इस्राईली शासन क्या अकेले ईरान पर हमला कर सकता है? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि यह इतना असान नहीं है। मामला बेहद जटिल है।
इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान और 5+1 कहे जाने वाले देश 2015 में परमाणु समझौते पर पहुंचे। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) द्वारा यह स्वीकार करने के बावजूद कि ईरान ने अपने सभी दायित्वों का पालन किया है, फिर भी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन 6 मई, 2016 को इस समझौते से हट गया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका के इस समझौते से हटने से पहले, डोनाल्ड ट्रम्प ने बार-बार दावा किया था कि यह सौदा एक बहुत लाभकारी सौदा होगा” और “बेहतर सौदे” पर पहुंचने के लिए ईरानी अधिकारियों के साथ बातचीत और बैठकों का आह्वान भी किया।
यह समझौता छोड़ने के बाद, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान को बातचीत पर राज़ी करने लिए ईरान के खिलाफ “अधिकतम दबाव की नीति अपनायी, लेकिन उन्हें वह नहीं मिला जो वह चाहते थे। ट्रम्प को राष्ट्रपति चुनाव में हराने के बाद जो बाइडन सत्ता में आये।
गैडी ईसेनकोट ने ईरान के लोकप्रिय सैन्य कमांडर सरदार क़ासिम सुलेमानी की हत्या के लिए तल अवीव के प्रयास का उल्लेख किया और स्वीकार किया कि संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा कुद्स फोर्स के इस दिवंगत कमांडर की हत्या से डेढ़ साल पहले सरदार सुलेमानी की हत्या करने का फैसला किया था।
गैडी ईसेनकोट ने स्वीकार किया कि सरदार सुलेमानी की हत्या का निर्णय में इस्राईल शामिल था; हालांकि, उन्होंने कहा कि तल अवीव “फिर भी उनके ठिकाने की पहचान नहीं कर सका।