ग़ाज़ा में हवाई सहायता, राहत या मात्र दिखावा?

ग़ाज़ा में हवाई सहायता, राहत या मात्र दिखावा?

हवा से राहत सामग्री गिराना न तो ग़ाज़ा के मानवीय संकट का समाधान बन सका है और न ही ज़मीनी सच्चाई में कोई बदलाव लाया है। अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के मुताबिक, यह एक तरह से वैश्विक जनमत को गुमराह करने की कोशिश है।

फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी के इंटरनेशनल रिपोर्टर के अनुसार, ग़ाज़ा के पश्चिमी इलाके में रहने वाले एक किशोर साजी महमूद ने कहा:
“हम पूरा दिन आसमान की तरफ़ देख रहे थे, लेकिन मदद वहाँ गिरी जहाँ पहुँचना ही मुमकिन नहीं था। कुछ ही लोग उसका फ़ायदा उठा सकते थे, बाक़ी सब भूखे ही रह गए। यह गवाही बताती है कि, युद्ध, घेराबंदी और बमबारी के बीच इंसानियत का मतलब ही ख़त्म हो चुका है।

25 जुलाई 2025 को इज़रायली सेना ने कुछ इलाकों में सैन्य कार्रवाई को “सामरिक रूप से निलंबित” करने की घोषणा की और उसी के तहत सीमित मात्रा में हवाई राहत सामग्री भेजने की शुरुआत हुई। लेकिन ज़मीनी रिपोर्टों और मानवाधिकार संगठनों की जानकारियाँ इस योजना की विफलता और हानिकारक असर को सामने लाती हैं।

भूख के बीच राहत की नाकामी
ग़ाज़ा में भूखमरी हर दिन गंभीर होती जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार अब तक कम से कम 169 फ़िलिस्तीनी, जिनमें 93 बच्चे शामिल हैं — भूख और कुपोषण से जान गंवा चुके हैं। अधिकतर राहत सामग्री इज़रायली सेना के क़ब्ज़े वाले सैन्य इलाकों में गिरती है, जहाँ आम फ़िलिस्तीनियों की पहुँच ही नहीं है।

ख़ान यूनुस में विस्थापित इमाद इब्राहीम ने अरबी21 वेबसाइट को बताया:
“जैसे ही मदद गिराई गई, साथ ही ज़ोरदार बमबारी भी शुरू हो गई। न तो हम मदद तक पहुँच सकते थे और न ही उसकी मात्रा इतनी थी कि, हमारी हालत में कोई फ़र्क पड़ सके।”

यह कोई स्थायी समाधान नहीं: रेड क्रॉस
अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस कमेटी ने कहा है कि हवाई मदद केवल तभी दी जानी चाहिए जब ज़मीनी रास्ते पूरी तरह बंद हों और यह किसी भी स्थिति में स्थायी समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि इसमें सटीकता की कमी, ज़रूरतों का ठीक से आकलन न हो पाना, मदद का भटक जाना और लोगों को नुक़सान पहुँचने का जोखिम होता है।

राशन का पैमाना और देश
इज़रायली आर्मी रेडियो के अनुसार, 150 पैकेट राहत सामग्री केवल 5 ट्रकों के बराबर हैं। अब तक फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, स्पेन और बहरीन जैसे देशों ने सीमित मदद भेजी है। हाल ही में कुल 200 पैकेट गिराए गए, यानी मुश्किल से 7 ट्रकों जितनी मदद। जॉर्डन की सेना ने बताया कि शनिवार को उसने 36 टन सामग्री के 5 हवाई मिशन किए और अब तक कुल 148 टन से ज़्यादा सामग्री गिराई है। जॉर्डन द्वारा अब तक कुल 276 हवाई मदद अभियान चलाए गए हैं।

दिखावा ज़्यादा, मदद कम
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी UNRWA ने इन कार्रवाइयों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि हवाई राहत केवल एक मीडिया नौटंकी है जो असली संकट को ढकने की कोशिश करती है। 7 अक्टूबर 2023 से शुरू हुई इस जंग के बाद इज़रायल ने सभी बॉर्डर बंद कर दिए और किसी भी मानवीय मदद को ग़ाज़ा में घुसने से रोक दिया। इसके चलते ग़ाज़ा में भुखमरी, बेघर होने और मौत का अभूतपूर्व संकट पैदा हो गया है। अब तक 2 लाख 9 हज़ार से ज़्यादा लोग मारे या घायल हो चुके हैं, जिनमें ज़्यादातर महिलाएँ और बच्चे हैं।

दुनिया मूकदर्शक बनी बैठी है, जबकि यह हवाई राहत केवल एक “अस्थायी पट्टी” है, जो एक गहरे ज़ख़्म को छुपाने की कोशिश कर रही है।

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