ईरान के बाद अब तुर्की और पाकिस्तान बना इस्राईल के लिए खौफ

ईरान के बाद अब तुर्की और पाकिस्तान बना इस्राईल के लिए खौफ

इस्राईल किस हद तक ईरान से डरा हुआ है यह बात किसी से अब छिपी नहीं है।

ईरान पर चल रहे सालों से प्रतिबंधों का खुलकर इस्राईल द्वारा समर्थन का कारण भी यही है। अब जब बातचीत के बाद ईरान और विश्व शक्तियों के बीच समझौते आसार दिख रहे हैं और प्रतिबंधों को कम करने जैसी बातों की उम्मीद दिख रही है तो कल ही इस्राईल के प्रधानमंत्री ने इसका विरोध किया है।

ईरान के बाद इस्राईल तुर्की और पाकिस्तान जैसे देशों को भी ख़तरा बता रहा है। सर्गियो रेस्तेल्ली जो जियोपॉलिटिकल के एक्सपर्ट हैं उन्होंने अपने टाइम्स ऑफ़ इस्राईल में लेख में कहा कि ईरान के बाद तुर्की और पाकिस्तान भी अब इस्राईल के लिए ख़तरा हो सकते हैं इसलिए ऐसे में तल अवीव को इन दोनों देशों से होशियार रहने की ज़रूरत है।

सर्गियो ने कहा कि पाकिस्तान और तुर्की क्योंकि ईरान के नक्शेकदम पर चल रहे हैं और यही इस्राईल के लिए ख़तरे के संकेत हैं, उन्होंने अपने लेख में कहा कि ईरान मौजूदा ख़तरा है लेकिन तुर्की और पाकिस्तान आने वाले समय में ख़तरा बनेंगे।

सर्गियो रेस्तेल्ली ने इसे वेक अप कॉल बताते हुए कहा कि ईरान और काफ़ी अधिक हद तक तुर्की इस्राईल के लिए चिंता का विषय बन चुके हैं, वह लिखते हैं कि इस्राईल की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरे का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा ईरान और उसके प्रॉक्सी द्वारा आता है, उन्होंने यह भी अपने लेख में कहा कि इब्राहिम समझौते के बाद इस्राईल के लिए पड़ोस में केवल ईरान एकमात्र और वास्तविक ख़तरा रहा है।

सर्गियो ने अपने लेख में प्रॉक्सी ख़तरे का ज़िक्र करते हुए ख़तरे का कारण परमाणु कार्यक्रम को बताया साथ ही यह आरोप भी लगाया कि यह ख़तरा ईरान द्वारा हिज़्बुल्लाह, सीरिया, ईरानी शिया शासन सुन्नी सहयोगी हमास को हथियारों की आपूर्ति की वजह से है जिसके चलते इस्राईल में अस्थिरता बरक़रार है।

पाकिस्तान को ख़तरा बताते हुए अपने लेख में कहा कि मौजूदा सालों में इस्राइल का विरोध शुरू कर दिया है, हाल ही में पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में इस्लामिक देशों के संगठन की बैठक के दौरान लाहौर में ईरान के समर्थन और इस्राईल के विरोध में प्रदर्शन हुए थे।

उनका यह भी कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के क़ब्ज़े के बाद इस्राईल की दिक्कतें बढ़ गई हैं। अमेरिका ने ऐसे संगठन के हाथों में सत्ता दे दी है जो खुलेआम इस्राईल के ख़ात्मे और और सफ़ाए का इरादा रखता है।

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