5 साल पहले खाड़ी के अरब देशों में मतभेद इतना गहराया था कि सऊदी अरब के नेतृत्व में क़तर पर सैन्य चढ़ाई की तैयारी कर ली गयी थी लेकिन अब गुज़रते समय के साथ सऊदी अरब ने बिना किसी शर्त के क़तर के साथ संबंध सामान्य किए तो उसके अन्य सहयोगी भी क़तर के साथ नार्मल हो गए हैं।
क़तर पर आतंकवाद के समर्थन जैसे कई आरोप लगाते हुए सऊदी अरब , मिस्र , बहरैन और संयुक्त अरब अमीरात ने इस देश के पूर्ण नाकाबंदी करते हुए अपने संबंधों को पूर्णरूप से खत्म कर दिया था। क़तर ने सऊदी गठबंधन के तमाम दबाव के बाद भी सऊदी अरब की ओर से संबंधों को बहाल करने के नाम पर पेश की गयी सभी शर्तों को सख्ती ठुकरा दिया था।
अब क़तर के साथ सऊदी अरब,मिस्र समेत सऊदी घटक के संबंध सामान्य हो गए हैं
लेकिन 2017 में क़तर के साथ संबंधों को बहाल करने को लेकर एक ट्वीट करने के आरोप में सऊदी राजपरिवार के निशाने पर आए सऊदी अरब के वरिष्ठ मुफ़्ती सलमान औदा को अभी तक जेल से रिहाई नहीं मिल सकी है।
सलमान औदा के बेटे अब्दुल्लाह ने कहा कि सितम्बर 2017 में मेरे पिता ने ट्वीट करते हुए कहा था कि क़तर संकट आपसी वार्ता के माध्यम से ही हल हो सकता है जिस के कुछ दिन बाद उन्हें सऊदी पुलिस ने बंदी बना लिया अब तक उनके खिलाफ 37 आरोप लगाए गए हैं। वह 2017 से ही जेल में बंद हैं जहाँ उन्हें अलग सेल में रखा गया है। सऊदी सरकार को चाहिए वह कि न्याय से काम लेते हुए मेरे पिता समेत अन्य राजनैतिक बंदियों को भी रिहा करे।