यमन की हालिया स्थिति पर सुरक्षा परिषद के बयान पर आश्चर्य प्रकट करते हुए यमन के विदेश मंत्री ने संकट ग्रस्त इस देश पर सऊदी अतिक्रमणकारी गठबंधन के हमलों और संयुक्त राष्ट्र पर कटाक्ष करते हुए कहा कि विश्व शांति एवं सुरक्षा के लिए सुरक्षा परिषद है सऊदी अरब या संयुक्त अरब अमीरात नहीं।
यमन के विदेश मंत्री हेशाम शरफ अब्दुल्लाह ने कहा कि सुरक्षा परिषद यमन के खिलाफ 26 मार्च 2015 से ही सऊदी अतिक्रमणकारी गठबंधन के हमलों के कारण यमन के लोगों की पीड़ा, उनके कष्ट, नाकाबंदी, सनआ एयरपोर्ट और देश के बंदरगाह की नाकाबंदी , देश की अर्थव्यस्था की बर्बादी और आधारभूत ढांचे को ध्वस्त किए जाने को लेकर मूकदर्शक बना हुआ है।
सुरक्षा परिषद् की बैठकें भी अतिक्रमणकारी गठबंधन के बुलावे पर यमनी बलों के जवाबी हमलों पर होती हैं जबकि यह हमले हम अपनी रक्षा में जवाबी कार्रवाई के रूप में कर रहे हैं। हम चाहें तो सऊदी अरब के दूरस्थ स्थानों को मिसाइल हमलों का निशाना बना सकते हैं लेकिन हम आवासीय इकाईयों और ग़ैर सैन्य क्षेत्रों एवं संस्थानों को निशाना बनाना नहीं चाहते।
हेशाम शरफ अब्दुल्लाह ने कहा कि सुरक्षा परिषद को अतिक्रमणकारी गठबंधन का पक्ष लेने के बजाए अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए।
26 मार्च 2015 से ही सऊदी अतिक्रमणकारी गठबंधन के हमलों के कारण यमन के लोगों की पीड़ा, उनके कष्ट, नाकाबंदी, सनआ एयरपोर्ट और देश के बंदरगाह की नाकाबंदी , देश की अर्थव्यस्था की बर्बादी और आधारभूत ढांचे को ध्वस्त किए जाने को लेकर मूकदर्शक बना हुआ है।