बिन सलमान ने की अमेरिका के अधिकारी से मुलाक़ात
सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से अमेरिकन ख़ुफ़िया एजेंसी (सीआईए) के निदेशक विलियम बर्न्स ने ख़ुफ़िया तरीक़े से मुलाक़ात की है।
सऊदी और अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि बैठक का उद्देश्य मध्य में मुख्य सुरक्षा भागीदार के साथ संबंधों में सुधार साथ ही सऊदी अरब और अमेरिका के बिच रिश्ते को और मज़बूत करना था।
अमेरिकन सीआईए के निदेशक विलियम बर्न्स की यह यात्रा अप्रैल के मध्य में हुई और बिन सलमान और बर्न्स के बीच बैठक तटीय शहर जिद्दा में हुई जहां बिन सलमान ने अपना अधिकांश रमज़ान का महीना बिताया था।
दोनों देशों के बैठक का विवरण अभी तक पूरी तरह से निर्धारित नहीं किया गया है लेकिन अमेरिका और सऊदी सूत्रों के अनुसार बैठक में तेल उत्पादन, यूक्रेन-रूस के युद्ध , ईरान के परमाणु कार्यक्रम और यमन में युद्ध जैसे मुद्दे शामिल हैं।
सूत्रों से पता चला है कि अमेरिकी अधिकारी ने बिन सलमान के साथ शीर्ष अमेरिकी दूत की मुलाक़ात के बारे में कहा कि यह एक अच्छी बातचीत थी और यह सऊदी के साथ पिछली अमेरिकी बातचीत से बेहतर थी।
साथ ही बता दें कि बर्न्स और बिन सलमान के बीच हुई मुलाक़ात में तेल उत्पादन में वृद्धि, जेलों में क़ैद सऊदी राजकुमारों और रियाज द्वारा चीन से ख़रीदे जा रहे हथियारों को लेकर भी बातचीत हुई है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विलियम बर्न्स ने पहले अमेरिका के उप सचिव के रूप में कार्य किया है। विलियम बर्न्स ने अरबी में डिग्री प्राप्त की है और पश्चिम एशियाई देशों में विभिन्न पदों पर रहे हैं।
साथ ही ये पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन के दौरान वह ईरान के साथ परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत में शामिल थे।
मालूम रहे कि बर्न्स ने भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भारत-अमेरिका के बीच परमाणु समझौते में भी अहम भूमिका निभाई थी। और रूस और जार्डन के राजदूत रह चुके 64 वर्षीय बर्न्स का विदेश मंत्रालय के साथ काम करने का 33 वर्षो का अनुभव है और वह रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों ही राष्ट्रपतियों के साथ काम कर चुके हैं।
उन्होंने कभी खुफ़िया अधिकारी के तौर पर काम नहीं किया था लेकिन बर्न्स 2014 में सेवानिवृत्त होने से पहले उपविदेश मंत्री थे। उन्होंने कार्नेगी इंडोमेंट ऑफ इंटरनेशनल पीस के संचालन के लिए सेवानिवृत्ति ली थी।