तेलंगाना चुनाव में वाई एस शर्मिला ने बिना शर्त कांग्रेस के समर्थन का ऐलान किया

तेलंगाना चुनाव में वाई एस शर्मिला ने बिना शर्त कांग्रेस के समर्थन का ऐलान किया

कुछ दिन पहले वाई एस शर्मिला ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी सभी 119 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। ऐसा वाईएसआरटीपी के कांग्रेस में विलय की बातचीत विफल होने के बाद हुआ। लेकिन अब उन्होंने यह दावा करते हुए कि मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव के खिलाफ मजबूत सत्ता विरोधी लहर है, कहा कि यदि बीआरएस विरोधी वोट विभाजित हो गए, तो वह फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के खिलाफ वोटों का विभाजन न हो वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (वाईएसआरटीपी) ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान करते हुए कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान किया है। शुक्रवार को वाईएसआरटीपी की संस्थापक वाई.एस. शर्मिला ने स्वयं यह एलान किया।

उन्होंने कहा कि यह आसान फैसला नहीं था, क्योंकि वह चुनाव लड़ना चाहती थीं और विधायक बनना चाहती थीं और उनकी पार्टी के कई नेता भी चुनाव लड़ने का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तेलंगाना के लोगों के लिए यह हमारा बलिदान है। मुझे उम्मीद है कि पार्टी नेता और समर्थक मुझे समझेंगे। उन्होंने कहा कि चूंकि कांग्रेस केसीआर के निरंकुश और भ्रष्ट शासन को समाप्त करने की स्थिति में है, इसलिए वाईएसआरटीपी इसमें बाधा नहीं बनना चाहती।

उन्होंने कहा, ”मेरा मानना है कि अगर केसीआर दोबारा मुख्यमंत्री बने तो इतिहास मुझे माफ नहीं करेगा।” अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी (वाईएसआर) की बेटी शर्मिला ने कहा कि वाईएसआर का सम्मान करने वाले कई कांग्रेस नेताओं ने उनसे कहा था कि ऐसे समय में जब कांग्रेस मजबूत स्थिति में है, वाईएसआर की बेटी होने के नाते उन्हें कुछ नहीं करना चाहिए, जो कांग्रेस की हार का कारण बने।

कांग्रेस को सबसे बड़ी धर्मनिरपेक्ष पार्टी बताते हुए शर्मिला ने कहा कि कांग्रेस को हराने का मेरा कभी कोई इरादा नहीं था। मैं कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का बहुत सम्मान करती हूं। मेरे पिता पार्टी को अविभाजित आंध्र प्रदेश में सत्ता में लाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने उन्हें आमंत्रित किया था और उन्होंने उनसे कहा कि वे उन्हें अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं। उन्होंने कहा कि कई बुद्धिजीवियों और मीडिया प्रमुखों ने भी केसीआर विरोधी वोटों को विभाजित नहीं करने का अनुरोध किया था।

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