भाजपा विधायक के खिलाफ खबर लिखी, पुलिस ने उतरवाए पत्रकारों के कपडे
भाजपा शासित मध्य प्रदेश में पत्रकारों को भाजपा विधायक के खिलाफ खबर लिखना भारी पड़ गया। आरोप है कि पुलिस ने भाजपा विधायक के खिलाफ खबर लिखने के आरोप में पत्रकारों के कपडे उतरवा लिया।
घटना मध्य प्रदेश के सीधी जिले की है। यहाँ पुलिस ने कुछ पत्रकारों को गिरफ्तार किया। थाने में उनसे कपड़े उतरवाए और उनके फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए। यहां तक कि हवालात में भी इन पत्रकारों को सिर्फ अंडरगारमेंट्स में ही बिठाया। इन पत्रकारों की गलती इतनी थी कि इन लोगों ने भाजपा के विधायक केदारनाथ शुक्ला के खिलाफ खबरें लिखी थी।
कांग्रेस ने इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। सीधी पुलिस का आरोप है कि यह पत्रकार यूट्यूब पर चैनल संचालित करते हैं। उन्होंने विधायक केदारनाथ शुक्ला के बेटे के नाम से फेक आईडी बनाई थी। वहीं, दूसरा पक्ष कह रहा है कि पत्रकारों ने भाजपा विधायक के खिलाफ खबरें लिखी थी।
कांग्रेस के युवा नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने इस घटना पर ट्वीट करते हुए कहा “नये भारत के मध्य वाले प्रदेश में पत्रकारों की स्थिति
नये भारत के मध्य वाले प्रदेश में पत्रकारों की स्थिति pic.twitter.com/HUoEFEHq6y
— Imran Pratapgarhi (@ShayarImran) April 7, 2022
इस पूरी घटना पर सीधी पुलिस का कहना है कि बघेली भाषा में यूट्यूब पर चैनल चला रहे कनिष्क तिवारी समेत कुछ अन्य पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला के बेटे की फेक आईडी बनाने और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर विधायक को बदनाम करने के आरोप इन लोगों पर लगाए गए हैं। पत्रकार कनिष्क तिवारी के खिलाफ यह एफआईआर भी विधायक के बेटे की शिकायत पर की गई है। यह गिरफ्तारियां भारतीय दंड विधान की धारा 151 के तहत की गई है।
युवा कांग्रेस नेता श्री निवास बी ने भी इस घटना को ट्वीटर के अम्ध्यम से शेयर करते हुए सवाल उठाया
The State of Journalism in India. pic.twitter.com/QmN2oPFdrh
— Srinivas BV (@srinivasiyc) April 7, 2022
पत्रकार कनिष्क तिवारी की गिरफ़्तारी पर वरिष्ठ पत्रकार राकेश पाठक का कहना है कि कनिष्क के यूट्यूब पर एक लाख से अधिक फॉलोअर हैं। न्यूजनेशन चैनल का भी एक पत्र सामने आया है, जिसमें कनिष्क तिवारी को फ्रीलांस पत्रकार होने की पुष्टि होती है।
कांग्रेस ने पुलिस की इस हरकत पर भाजपा की राज्य सरकार को जमकर निशाने पर लेते हुए विरोध प्रकट किया है। सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को शेयर करते हुए कांग्रेसी नेताओं ने सरकार को घेरा है। पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने फोटो ट्वीट करते हुए कहा कि यह मप्र के सीधी जिले के पुलिस थाने की तस्वीर है। यह अर्धनग्न युवा कोई चोर उचक्के नहीं है, ये लोकतंत्र के चौथा स्तंभ कहे जाने वाले मीडिया के साथी है। इन्हें अर्धनग्न कर जेल में इसलिए डाला गया क्योंकि इन्होंने भाजपा विधायक के खिलाफ खबर चलाई थी।
कांग्रेसी नेता तथा पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश की निकम्मी सरकार और उसके बड़बोले मुखिया से सवाल करना सीधी बघेली न्यूज चैनल के वरिष्ठ पत्रकार कनिष्क तिवारी और उनके साथियों को भारी पड़ा। नग्न कर उन्हें थाने में खड़ा किया गया है। यह घोर निंदनीय कृत्य है… शिवराज सिंह सरकार अब अंग्रेजों की भांति दमनकारी रवैया अपना रही है।