क्या ‘मणिपुर फाइल्स’ भी बनाई जाएगी?: सामना में कटाक्ष

क्या ‘मणिपुर फाइल्स’ भी बनाई जाएगी?: सामना में कटाक्ष

मणिपुर में 80 दिनों से हिंसा चल रही है। उसमें दो आदिवासी महिलाओं की नग्नावस्था में परेड कराए जाने की घटना से मानवता शर्मसार हुई। दुनियाभर में देश की प्रतिष्ठा कलंकित हुई, परंतु मोदी और उनकी सरकार इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराने को तैयार नहीं है।

मणिपुर हिंसा और दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना को लेकर उद्धव गुट ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए पीएम मोदी और ‘एजेंडा टोली’ पर निशाना साधा है। सामना के संपादकीय में लिखा कि मणिपुर हिंसा को सर्वोच्च न्यायालय ने स्वयं संज्ञान में नहीं लिया होता तो इस गंभीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी ने मुंह ही नहीं खोला होता। सर्वोच्च न्यायालय ने स्वयं संज्ञान लेते हुए गुरुवार को केंद्र और राज्य सरकार को फटकारा लगाई थी।

कश्मीर की तुलना में भयंकर हिंसा और अत्याचार मणिपुर में हो रहे हैं। लेकिन कश्मीर के मुद्दे पर हिंदू-मुसलमान अथवा हिंदुस्थान-पाकिस्तान की राजनीति करनेवाले ‘भाजपा के महामंडलेश्वर’ मणिपुर में जाकर शांति स्थापित करने को तैयार नहीं हैं।

केंद्रीय सुरक्षा दल के 60 हजार जवानों को मणिपुर में तैनात किया गया है। फिर भी हिंसा रुक नहीं रही है। इसका अर्थ यह है कि हालात प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के नियंत्रण से बाहर निकल चुके हैं। अब 26 सियासी दलों ने ‘इंडिया’ नामक गठबंधन बनाया है। उस इंडिया की यह नग्न तस्वीर है। इसलिए ‘इंडिया’ बचाने के लिए सभी को एकजुट होना चाहिए।

एक तरफ अभिनेत्री कंगना रनौत केंद्र सरकार की विशेष सुरक्षा व्यवस्था में अकड़ के साथ घूमती नजर आती हैं तो वहीं उसी दौरान मणिपुर में दो आदिवासी महिलाओं की नग्न परेड सरेराह कराई जाती है। उन महिलाओं को किसी की सुरक्षा नहीं है। ऐसा है मोदी का भारत। सरकारी चापलूसों की सुरक्षा के लिए कल भारतीय सेना भी उपलब्ध कराई जाएगी। लेकिन जिन्हें सचमुच सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता है, उन्हें उपेक्षित छोड़ दिया जाता है।

मणिपुर में गैर भाजपा शासित सरकार होती तो अब तक उसे बर्खास्त करके वहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया होता। महाराष्ट्र में उनकी पसंदीदा सरकार नहीं थी इसलिए खोकों की मदद से ‘ठाकरे’ सरकार को गिरा दिया, लेकिन महिलाओं की नग्न परेड खुली आंखों से सहन करने वाले मुख्यमंत्री वीरेन सिंह आज भी मणिपुर के सिंहासन पर विराजमान हैं।

मणिपुर की आतंकी शक्तियों को चीनी ड्रैगन का समर्थन होने का खुलासा हो चुका है। हिंसाचार पर मुंह न खोलने और कार्रवाई करने से डरने की ये एक वजह है क्या? बीते कुछ समय में ‘ताशकंद फाइल्स’, महिलाओं का केरल में धर्मांतरण, उनका ISIS नामक आतंकी संगठन में सहभाग इस पर ‘दि केरल स्टोरी’, कश्मीर में आतंकी कार्रवाइयों ‘दि कश्मीर फाइल्स’ ऐसी फिल्में बीच के दौर में एक एजेंडे की तरह निर्माण की गईं। ये टोली अब मणिपुर की हिंसा पर भी ‘मणिपुर फाइल्स’ फिल्म बनाए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Hot Topics

Related Articles