जब तक इंसाफ नहीं मिल जाता, पद्मश्री पुरस्कार वापस नहीं लूंगा: बजरंग पूनिया
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित करने के तुरंत बाद खेल मंत्रालय ने रविवार को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) से डब्ल्यूएफआई का कामकाज देखने के लिए तदर्थ समिति गठित करने का अनुरोध किया।
खेल मंत्रालय ने रविवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया, क्योंकि नवनिर्वाचित संस्था ने उचित प्रकिया का पालन नहीं किया और पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिए बिना अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन की ‘जल्दबाजी में घोषणा’ की थी।
केंद्रीय खेल मंत्रालय द्वारा भारतीय कुश्ती संघ भंग करने के बाद लोग यह सवाल पूछ रहे हैं क्या पहलवान बजरंग पुनिया पद्मश्री पुरस्कार को वापस लेंग? कुश्ती संघ भंग पर बजरंग पुनिया की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि जब तक इंसाफ नहीं मिल जाता, तब तक वह पद्मश्री पुरस्कार वापस नहीं लेंगे।
पुनिया ने कहा, ”मैं पद्मश्री वापस नहीं लूंगा। इंसाफ मिलने के बाद ही मैं इसके बारे में विचार करूंगा। कोई भी पुरस्कार हमारी बहनों के सम्मान से बड़ा नहीं है। हमें सबसे पहले इंसाफ मिलना चाहिए।”
इससे पहले बजरंग पूनिया ने बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद पर चुने जाने के विरोध में अपना पद्मश्री लौटा दिया था। 22 दिसंबर को पुनिया, पीएम मोदी से मिलने जा रहे थे। जब पुलिस ने उन्हें मिलने नहीं दिया तो वह पीएम आवास के बाहर पुटपाथ पर ही अपना पुरस्कार छोड़कर चले गए थे।
इससे पहले बजरंग पूनिया ने एक्स पर एक बयान में कहा था, “मैं अपना पद्श्री सम्मान प्रधानमंत्री को वापस लौटा रहा हूं। कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है। यही मेरा बयान है।”