मुस्लिम विरोधी रुख अपनाने वालों से कभी हाथ नहीं मिलाऊँगा: शरद पवार

मुस्लिम विरोधी रुख अपनाने वालों से कभी हाथ नहीं मिलाऊँगा: शरद पवार

पुणे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनसीपी (एसपी) के नेता शरद पवार के हालिया बयान पर तंज कसते हुए उन्हें बीजेपी से हाथ मिलाने का ऑफर दिया था। वहीं अब शरद पवार ने प्रधानमंत्री के तंज का जवाब देते हुए कहा कि वह कभी भी नेहरू-गांधी विचारधारा को नहीं छोड़ेंगे और मुस्लिम विरोधी रुख अपनाने वालों से हाथ नहीं मिलाएंगे।

शुक्रवार को, शरद पवार ने प्रधानमंत्री पर पलटवार करते हुए उन पर एक विशेष समुदाय के खिलाफ रुख अपनाने का आरोप लगाया, और अपने रुख पर कायम रहे कि वह नेहरू-गांधी विचारधारा का पालन करते हैं। शरद पवार ने कहा कि, हम नेहरू-गांधी विचारधारा की प्रशंसा करते हैं। हम कहीं नहीं जाएंगे और विचारधारा नहीं छोड़ेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषणों में मुस्लिम समुदाय को लेकर कुछ टिप्पणियां की हैं, मैंने उन्हें सुना है।

अगर हमें इस देश को आगे ले जाना है और एकजुट रहना है तो हमें सभी समुदायों को साथ लेकर चलना होगा। हम किसी भी समुदाय को दरकिनार नहीं कर सकते हैं। एक समुदाय को दरकिनार कर आगे बढ़ने के बारे में हम सोच नहीं सकते।

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक शरद पवार ने कहा है कि, प्रधानमंत्री मोदी बार-बार एक विशेष समुदाय के खिलाफ स्टैंड ले रहे हैं। उनके खिलाफ जनमत बन रहा है और यही वजह है कि वह असहज महसूस कर रहे हैं और ऐसे बयान दे रहे हैं। मोदी शायद हमारी जरूरत महसूस कर रहे होंगे, लेकिन हमने जो विचारधारा अपनाई है, उसे छोड़कर हम कभी उनसे हाथ नहीं मिलाएंगे।

शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए शरद पवार पर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के साथ विलय करने और चार दिनों में मर जाने से बेहतर है कि वह महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में गर्व के साथ शामिल हो जाए।

दरअसल 4 मई को द इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक साक्षात्कार में, पवार ने कहा था कि अगले कुछ वर्षों में, कई क्षेत्रीय दल कांग्रेस के साथ अधिक निकटता से जुड़ेंगे। या अगर उन्हें लगता है कि यह उनकी पार्टी के लिए सबसे अच्छा है तो वे कांग्रेस में विलय के विकल्प पर विचार कर सकते हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या यह बात उनकी अपनी पार्टी एनसीपी (शरदचंद्र पवार) पर भी लागू होती है, उन्होंने कहा था, मुझे कांग्रेस और हमारे बीच कोई अंतर नहीं दिखता है।’ वैचारिक रूप से, हम गांधी, नेहरू विचारधारा के हैं।

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