5 साल मुफ्त राशन की घोषणा सरकार के प्रेस नोट में क्यों नहीं दिखती?: कांग्रेस

 5 साल मुफ्त राशन की घोषणा सरकार के प्रेस नोट में क्यों नहीं दिखती?: कांग्रेस

क्या प्रधानमंत्री की घोषणा के अनुसार ‘मुफ़्त राशन’ योजना को 2028 तक बढ़ा दिया गया है? 15 नवंबर को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति ने संदेह पैदा कर दिया है। पीआईबी ने प्रेस नोट जारी कर प्रधानमंत्री, चुनाव आयोग और सरकार को उस फजीहत से बचा लिया है जो आदर्श चुनावी आचार संहिता का खुला उल्लंघन करने पर होती? इस घोषणा को तो अगले महीने यानी दिसंबर माह में 3 तारीख को चुनावी नतीजे आने के बाद भी किया जा सकता था।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सरकार द्वारा जारी दस्तावेज के स्क्रीनशॉट को ट्वीट करते हुए लिखा है कि 4 नवंबर को छत्तीसगढ़ चुनाव अभियान के दौरान प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना यानी पीएमजीकेएवाई को अगले 5 वर्षों के लिए बढ़ाया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘लेकिन कल शाम मोदी सरकार की एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में उल्लेख किया गया है कि पीएमजीकेएवाई को 1 जनवरी, 2023 से शुरू होने वाले वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है, इसमें प्रधानमंत्री द्वारा घोषित योजना को आगे बढ़ाने का कोई ज़िक्र नहीं है।’

इसी बात को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाया है। उन्होंने पूछा है कि वास्तव में क्या हो रहा है? उन्होंने सवाल उठाया है कि आख़िर प्रधानमंत्री की घोषणा उनकी सरकार के प्रेस नोट में क्यों नहीं दिखती?

इस सवाल का जवाब पीएम मोदी की घोषणा में भी ढूंढा जा सकता है। सबसे पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 नवंबर को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में जनसभा को संबोधित करते हुए घोषणा की थी कि मुफ्त में राशन योजना पीएमजीकेएवाई को 5 साल और बढ़ाया जाएगा। इसके बाद उन्होंने मध्य प्रदेश में भी चुनावी रैली में इस बात को दोहराया। तब कहा गया कि प्रधानमंत्री की इस घोषणा से देश के क़रीब 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा।

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कल (15 नवंबर 2023) को विधासभा चुनाव के लिए प्रचार का शोर थम गया। कल यानी 17 नवंबर को दोनों राज्यों में नई विधानसभा के लिए वोट डाले जाएंगे।लेकिन, प्रचार खत्म होने के चंद मिनट बाद ही प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की। यह प्रेस नोट शाम 6.12 मिनट पर जारी किया गया।

इसमें कहा गया, “केंद्र सरकार, देश में गरीब लाभार्थियों के वित्तीय बोझ को कम करने और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (2013) की राष्ट्रव्यापी एकरूपता एवं प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 1 जनवरी, 2023 से प्रारंभ होने वाली एक वर्ष की अवधि के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के माध्यम से अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के परिवारों और प्राथमिकता वाले परिवारों (पीएचएच) से आने वाले लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध करा रही है।”

यहां सवाल उठता है कि आखिर पीआईबी ऐसी किसी योजना के बारे में लोगों को क्यों याद दिला रही है जो बीते 11 महीने से जारी है? और, वह भी तब जब सिर्फ एक महीने में यह योजना खत्म होने वाली है? क्या इसका मकसद सिर्फ लोगों को इस योजना की याद दिलाना भर था? ऐसे में किसी भी सांसद के मन में सवाल उठेगा कि आखिर इस प्रेस रिलीज में उस बात का बिल्कुल भी जिक्र क्यों नहीं है जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री ने की थी। आखिर हो क्या रहा है? पीआईबी के प्रेस नोट में प्रधानमंत्री की घोषणा का जिक्र तक क्यों नहीं किया गया है।?”

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