हमास के हमले की सज़ा बेक़सूर फ़िलिस्तीनियों को क्यों दी जा रही ?
शनिवार से गाजा पर इजरायली बमबारी में शहीद फिलिस्तीनियों की संख्या 1800 तक पहुंच गई है। जहां 6,268 लोग घायल हुए हैं और 300,000 लोग विस्थापित हुए हैं, वहीं दूसरी ओर हमास के अल-अक्सा ऑपरेशन में इजरायली हताहतों की संख्या 1,300 तक पहुंच गई है और सैकड़ों इजरायली बंधक हैं।
विश्व समाचार एजेंसी के अनुसार, फिलिस्तीनी स्वतंत्रता संगठन हमास द्वारा इजरायल पर ऐतिहासिक और आश्चर्यजनक हमले के बाद, इजरायली सेना शनिवार से गाजा पर जमकर बमबारी कर रही है। इजरायली सेना अंधाधुंध आवासीय भवनों, महिलाओं और बच्चों को निशाना बना रही है। मरने वालों की यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है कि गाजा पर इजरायली बमबारी के परिणामस्वरूप 1,800 लोग मारे गए हैं और 6,268 घायल हुए हैं, जिनमें 583 बच्चे और 248 महिलाएं शामिल हैं। उधर, इजराइल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 1300 नागरिकों की मौत और 2800 नागरिकों के घायल होने की पुष्टि की है।
संयुक्त राष्ट्र ने गाजा की पूर्ण नाकाबंदी, बिजली, पानी और खाद्य आपूर्ति में कटौती को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है और कहा है कि इससे नागरिकों के अस्तित्व को खतरा है। दुनिया भर के देशों ने गाजा में इजरायल की घेराबंदी और बमबारी की कड़ी निंदा की है और इजरायल से गाजा की घेराबंदी तुरंत समाप्त करने का आह्वान किया है, जिसमें हमास और इजरायल के साथ संघर्ष विराम भी शामिल है।
लेकिन प्रश्न यह है कि संयुक्त राष्ट्र केवल बयान क्यों दे रहा है। इज़रायल के हमले और उसके अत्याचार पर कोई कार्यवाई क्यों नहीं कर रहा है? दस लाख से ज़्यादा फ़िलिस्तीनियों को ग़ज़्ज़ा छोड़ने के लिए इज़रायल द्वारा मजबूर किए जाने पर पूरी दुनिया तमाशाई क्यों बनी हुई है ? भूख, प्यास से बेहाल फिलिस्तीनियों की मज़लूमियत किसी को क्यों नहीं दिख रही है ?
संयुक्त राष्ट्र सहित अंतर्राष्ट्रीय शक्तियाँ क्या कर रही हैं ? कब तक फ़िलिस्तीनी बग़ैर बिजली, पानी, ईंधन, और उपचार के मरते रहेंगे? क्या पूरी दुनिया केवल इस पर बयान देगी। क्या इज़रायल के लिए कोई क़ायदा, क़ानून, नियम नहीं है? या फिर पूरी दुनियां ने यह मान लिया है कि फ़िलिस्तीनी बच्चे। औरत, मर्द, केवल इसलिए पैदा हुए हैं कि वह अत्याचार सहते- सहते मर जाएं।
ओआईसी में शामिल देश कब तक फ़िलिस्तीनियों के समर्थन का ढोंग रचते रहेंगे ? यूक्रेन के बेक़सूर लोगों पर आंसू बहाने वाला पूरी दुनिया का मीडिया कहां है? वह केवल इज़रायल के मरने वालों पर ही क्यों चिल्ला रहे हैं ?
आखिर में प्रश्न यही है कि हमास के हमले की सज़ा बेक़सूर फ़िलिस्तीनियों को क्यों दी जा रही है?
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि गाजा पर जारी बमबारी के कारण 300,000 फिलिस्तीनी गाजा से विस्थापित होकर शिविरों में शरण ले चुके हैं और उनकी संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
दूसरी ओर, इजरायली सेना ने क्रूर कदम उठाते हुए शनिवार से गाजा पर बमबारी शुरू कर दी है, जिसमें आवासीय इमारतों को भी निशाना बनाया जा रहा है, इजरायली सेना महिलाओं और बच्चों को अंधाधुंध निशाना बना रही है, जिससे लोग हताहत हो रहे हैं।
इजरायली सेना ने कायरतापूर्ण और अमानवीय कार्रवाई करते हुए गाजा को पूरी तरह से घेर लिया है और बिजली, पानी, भोजन, दवा और ईंधन की आपूर्ति लाइनें काट दी हैं, जिससे गाजा में एक बड़ी मानवीय त्रासदी की आशंका पैदा हो गई है।
इज़रायली सरकार ने कहा है कि जब तक हमास द्वारा बंधक बनाए गए हमारे सैनिकों की रिहाई नहीं हो जाती, तब तक गाजा की भोजन, ईंधन और बिजली आपूर्ति लाइनें बहाल नहीं की जाएंगी। लेकिन प्रश्न यह है कि हमास के हमले की सज़ा बेक़सूर फ़िलिस्तीनियों को क्यों दी जा रही है।