पुलवामा के आरोपी दविंदर की जांच से किसको खतरा है? : सुरजेवाला
आंतकवादियों की मदद करने और जासूसी के आरोप में जम्मू कश्मीर के डीएसपी दविंदर सिंह को दो महीने पहले सस्पेंड कर दिया गया था अगर देखा जाए तो दविंदर सिंह के मामले की जांच होना चाहिए थी जबकि ऐसा नहीं हुआ और सिर्फ नौकरी से सस्पेंड करके छोड़ दिया गया।
दविंदर की बर्खास्तगी के पत्र को जारी करते हुए कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी सरकार से कुछ सवालों को पूछा है ।
कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने पूछा कि “कौन है जम्मू कश्मीर का डीएसपी दविंदर सिंह? सरकार उसकी जांच क्यों नहीं कर सकती? दविंदर की जांच से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा क्यों है? पुलवामा कांड में दविंदर सिंह की भूमिका क्या है?
Who is J&K Dy. S.P, Devinder Singh?
Why can’t Govt hold an enquiry?
Why does the enquiry threaten National Security?
What is his role,if any, in Pulwama?
Who was he arrested with? What’s the name of his accomplices?
What is the Modi Govt hiding?
Nation has a right to know! pic.twitter.com/ytOrPu0MRE
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) August 1, 2021
कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार पुरे देश को बताए कि उसे किसके साथ गिरफ्तार किया गया था? सवाल ये है कि मोदी सरकार इन बातों को छिपाती क्यों है क्यों वो देश की जनता के सामने ऐसी बातों को साझा नहीं करती ?
बता दें कि सुरजेवाला ने जो ऑर्डर लेटर की कॉपी लगाई है उसके दूसरे पैराग्राफ में कहा गया है कि राज्य की सुरक्षा के हित में उसकी जांच करना उचित नहीं है, इसलिए वो जांच नहीं चाहते हैं।
इस बात से कुछ सवाल पैदा होते हैं कि दविंदर सिंह की के आतंकवादियों की मदद करने में कौन से राज़ पोशीदा हैं आख़िर क्यों सरकार इसकी जाँच नहीं करवाना चाह रही है ।
बता दें कि आतंकवादियों को खुफिया सूचना पहुंचाने के आरोप और हथियारों के साथ पकड़े गए पूर्व डीएसपी दविंदर की जमानत हो जाना, उस पर यूएपीए न लगना पहले से ही लोगों के मन में शक पैदा कर रहा था,
ग़ौर तलब है कि आरोपी दविंदर की सरकारी पहुंच का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसे जनवरी 2020 में शेर ए कश्मीर पुलिस बहादुरी पदक से सम्मानित किया गया था।
बता दें कि दविंदर सिंह पर आंतकवादियों को सुरक्षित रास्ता प्रदान करने, सुरक्षा बलों की तैनाती की जानकारी आतंकवादियों को देने और हिजबुल मुजाहिदीन के आंतकवादियों को पुलिस गेस्ट हाउस में छिपाने जैसे बेहद गंभीर आरोप हैं, लेकिन इस के बावजूद इतने आरोपों के साथ सिर्फ नौकरी से सस्पेंड करके छोड़ दिया गया जो अपनी जगह एक सवालिया निशान है ।