जहां रामलला विराजमान है, वहां पहली ही बारिश में पानी चूने लगा, मंदिर के मुख्य पुजारी का बयान
अयोध्या: राम मंदिर के उद्घाटन को अभी 6 महीने भी नहीं बीते हैं। इधर पहली ही बारिश में राम मंदिर की छत टपकने लगी है। राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने इसकी पुष्टि की है। इसी साल 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। अभी भी राम मंदिर के निर्माण का कार्य चल रहा है। ऐसे में पहली ही बारिश में राम मंदिर की छत से पानी टपकने लगा और बाहर परिसर में जलभराव हो गया।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने राम मंदिर के निर्माण कार्य को लेकर बड़ा बयान दिया है, साथ ही उन्होंने राम मंदिर को लेकर बड़ा खुलासा कर दिया है। उन्होंने पहली ही बारिश में छत चूने की बात कही है।
राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने राम मंदिर के निर्माण कार्य पर बोलते हुए कहा कि जुलाई 2025 काम का पूरा होना असंभव है, लेकिन अगर ऐसा कहा जा रहा है तो मान लेता हूं। साथ ही राम मंदिर में हुए निर्माण पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जहां रामलला विराजमान है, वहां पहली ही बारिश में पानी चूने लगा है, जिसकी जांच होनी चाहिए।
राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास कहा कि जो राम मंदिर बना है, उसमें पानी निकलने का कोई रास्ता नहीं है, ऊपर से पानी में चूने लगा है। उन्होंने कहा कि ये समस्या बहुत बड़ी है, सबसे पहले इस समस्या का समाधान होना चाहिए। मंदिर निर्माण को लेकर उन्होंने कहा कि अगर ऐसे कहा जा रहा है कि मंदिर का पूरा निर्माण कार्य 2025 में पूरा हो जाएगा तो ये अच्छी बात है, लेकिन ऐसे अंसभव है, क्योंकि अभी बहुत कुछ बाकी है बनाने को लेकर।
आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में मंदिर के प्रकोष्ठ बनाए जा रहे हैं, जहां अन्य मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। इन कार्यों के लिए अलग विभाग भी बन गया है। ये खुशी की बात है कि मूर्तियों की स्थापना 2025 तक हो जाएगी।