अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के क़ब्ज़े भारत पर क्या होगा असर ?

अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के क़ब्ज़े भारत पर क्या होगा असर ?

अफ़ग़ानिस्तान में 20 साल बाद एक बार फिर से तालिबान का कब्जा हो गया है. जब कल काबुल पर तालिबान ने क़ब्ज़ा किया तो वहां के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अपना देश छोड़ दिया. उसके बाद वहां के लोग भी अपनी जान बचाने के लिए भी देश छोड़ना चाहते हैं जिस वजह से अफगानिस्तान की सड़कों पर जाम लगा हुआ है. और एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी मची हुई है.

देश छोड़ने के बाद अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने लिखा कि अगर वो अफ़ग़ानिस्तान न छोड़ते तो अनगिनत लोग मारे जाते खून की नदियां बहने से बचाने के लिए मैंने सोचा कि देश से बाहर जाना ही ठीक है.

बता दे कि ऐसी भी खबरें थीं कि उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने भी देश छोड़ दिया है, लेकिन बाद में उन्होंने साफ किया कि वो देश में ही हैं.

अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के क़ब्ज़े के बाद इसका भारत पर क्या असर होगा इसका समझना बहुत ज़रूरी है

भारत के साथ संबंधों को लेकर जब जबीउल्लाह मुजाहिद से पूछा गया तो उन्होंने कहा, “हम भारत समेत सभी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की उम्मीद करते हैं.

तालिबानी नेता जबीउल्लाह मुजाहिद ने इस बार पर ज़ोर दिया है कि वो अफगानिस्तान की बेहतरी के लिए जो भी हो सकेगा वो करेंगे. जबकि उनका ये भी कहना था कि भले ही पहले हमारे संबंध भारत से अच्छे नहीं रहे लेकिन अब हम बेहतर संबंध बनाने की कोशिश करेंगे.”

अफगानिस्तान में तालिबान के क़ब्ज़े के बाद और किसी तालिबानी नेता के हाथ में सत्ता आने से भारत के अफ़ग़ानिस्तान के साथ संबंध खराब हो सकते हैं, लेकिन अगर पूर्व राष्ट्रपति हामिज करजई और डॉ. अब्दुल्ला के हाथ में सत्ता आई तो अच्छे रिश्ते बने रहने की उम्मीद भी है.

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